सीतापुर :- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र में हाथी द्वारा कल एक व्यक्ति को मार डालने की घटना के बाद दल से बिछड़ कर पहुंचा यह हाथी तो वापस जशपुर लौट गया, लेकिन आज प्रातः दस हाथियों का अलग दल जशपुर सीमा से सीतापुर क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। कहा जाता है हाथी मेरे साथी लेकिन नहीं, इंसानों के लिए हाथियों का दल काल का रूप धारण कर लिए हैं। इन हाथियों के दलों के सामने वन विभाग की टीम भी बेबश नजर आ रहे हैं।
ज्ञात हो कि, दस हाथियों के इस दल ने आधा दर्जन गांव में लगभग पांच से सात एकड़ खेत में लगे धान के फसल को क्षति पहुंचाया है. सीतापुर वन परिक्षेत्राधिकारी विजय तिवारी के नेतृत्व में मैदानी अमला ग्रामीणों को सतर्क करने के साथ उनके नजदीक न जाने की नसीहत भी दे रहा है ताकि कोई जनहानि न हो सके।
बता दें कि, एक दिन पूर्व ही दल से बिछड़ कर पहुंचे हाथी ने खेतों में लगे फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही एक व्यक्ति को मार दिया था. दंतैल हाथी के आक्रामक रुख पर ग्रामीण भयभीत भी रहे. हालांकि यह हाथी कल देर रात वापस जशपुर सीमा की ओर चला गया. जिससे वन अमले ने भी राहत की सांस ली. आज तड़के जशपुर की ओर से पहुंचे दस हाथी ग्राम ढेकीडोली से प्रवेश किया और एरण्ड, नवापारा, गिरहूलडीह तथा ग्राम बेनई में किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
स्कूल और आंबा भवन है सुरक्षित
जानकारी के मुताबिक, सीतापुर वन परिक्षेत्राधिकारी विजय तिवारी ने कहा कि फिलहाल हाथियों का दल जंगल से लगे खेतों के फसलों को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं और अब तक वे आबादी वाले क्षेत्र में नहीं प्रवेश किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यदि हाथियों का दल आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसके लिए स्कूल भवन और आंगनबाड़ी भवनों में ग्रामीणों को ठहराने की तैयारी की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि हाथियों का दल आबादी क्षेत्र से दूर और जंगल तक ही सीमित रहें।
डीएफओ पहुंचे हाथी प्रभावित क्षेत्र
फिलहाल, सरगुजा वन मंडलाधिकारी टी शेखर और उप वन मंडलाधिकारी प्रेमचंद मिश्रा भी रेंजर विजय तिवारी और वन अमले के साथ हाथी विचरण क्षेत्र पहुंच हालात का जायजा लिया. डीएफओ ने हाथियों के सतत निगरानी के साथ हाथी प्रभावित क्षेत्र में मुनादी कराने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने फसल नुकसानी पर वन अमले को निर्देशित किया है कि वे क्षति का आंकलन शीघ्रता से तैयार कर मुआवजा का प्रकरण तैयार करें. उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की है कि वे हाथियों से किसी तरह का छेड़छाड़ न करें और उनके नजदीक जाने का प्रयास न करें।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर