History of 22 December :- भारत और दुनिया के लिहाज से आप अगर 22 दिसंबर को तारीख से अलग, इतिहास के नजरिये से देखेंगे तो बहुत कुछ खास नजर आएगा. यहां कई ऐसी बड़ी घटनाएं मिलेंगी जिसका असर काफी बड़े स्तर पर हुआ है और इन्हें भुलाना मुमकिन नहीं है. आज ही के दिन वर्ष 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस कानून को मंजूरी दी थी, जिसने सेना में समलैंगिकों की सेवाओं को कानूनी मान्यता दी थी. इससे पहले तक 1993 में लागू हुए ‘डोंट आस्क, डोंट टैल’ कानून के चलते समलैंगिक सैनिकों को अपनी लैंगिकता छिपानी पड़ती थी. बाद में जब उनके समलैंगिक होने का पता चलता था तो उन्हें सेना से निकाल दिया जाता था. इसके अलावा और भी बहुत कुछ इस दिन आपको मिलेगा. आइए डालते हैं कुछ प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं पर नजर.
22 दिसंबर का इतिहास
1851 : आज ही के दिन भारत में पहली मालगाड़ी चलाई गई थी. इसे रुड़की से चलाया गया था.
1882 : थामस अल्वा एडिसन के बनाए गए बल्बों से पहली बार ‘क्रिसमस ट्री’ को सजाया गया और यह रोशनी से जगमगा उठा.
1910 : अमेरिका में पहली बार डाक बचत पत्र जारी किया गया.
1940 : एम नाथ राय ने रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना का एलान किया.
1971 : तत्कालीन सोवियत संघ ने जमीन के नीचे परमाणु परीक्षण किया.
1972 : निकारागुआ की राजधानी मानागुआ में आए 25 तीव्रता के भूकंप में 12 हजार से अधिक लोग मारे गए.
1972 : चिली के एक दुर्घटनाग्रस्त विमान से, 14 लोगों को दुर्घटना के दो महीने बाद देश की वायुसेना ने जीवित ढूंढ निकाला.
1988 : स्कॉटलैंड की सीमा के नजदीक लॉकरबी शहर में पैन एम का एक जंबो जेट 258 यात्रियों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
1989 : रोमानिया में 24 वर्ष के बाद निकोलाए चाउसेस्क्यू के तानाशाह शासन का अंत हुआ था और उसे देश छोड़कर भागने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
1990 : क्रोएशिया ने संविधान को अंगीकार किया था और अपने नागरिकों को व्यापक अधिकार प्रदान किए गए थे.
2001 : ब्रिटेन के इस्लामी कट्टरपंथी रिचर्ड रीड ने अपने जूतों में छिपाकर रखे विस्फोटक से एक विमान को उड़ाने का असफल प्रयास किया था. विमान में करीब 200 व्यक्ति सवार थे. सहयात्रियों ने उसकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया था. अमेरिका की एक अदालत ने बाद में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
2010 : अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने समलैंगिकों से जुड़े एक कानून पर दस्तख्त कर सेना में उनकी भर्ती का रास्ता साफ किया था.
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर