सारंगढ़ न्युज
सारंगढ़ नगर पालिका परिषद जिस पर सर्वाधिक जवाबदारी नगर के सफाई की है। नगर पालिका बनने के बाद खास तौर पर सफाई की जवाबदारी पहले से ज्यादा हो चुकी है। पुराना नगर पालिका क्षेत्र में जब 21 गंांव जुडे तब स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो गई कि आखिर साफ सफाई कैसे मजबुत हो। इस विषय में अगर तथ्यों और आंकडों की बात करें तो नगर पालिका में भले ही नए 21 गांव जुड गए हों लेकिन सफाई कर्मियों की संख्या पहले से कम हो गई है जिसके कारण स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। मामले के तह में जाएं तो संख्या बल की कमी एक बहुत बडा कारण है जिसकी वजह से साफ सफाई ठप्प हो चुकी है। सारंगढ़ नगर पालिका में बडे बडे कचरों के ढेर सालों सालों तक दिखते रहते हैं बडी नालियों की सफाई तो 5-5 साल से नही हुई है। शहर वासी बदतर सफाई व्यवस्था से त्रस्त हैं तो वहीं 21 गांव के लोग आज भी उस दिन को कोस रहे हैं जिस दिन ग्राम पंचायत से नगर पालिका में उनके गांव का नाम जुड़ा। घर घर कचरा कलेक्शन का तो पुरी तरह से जनाजा निकल चुका है। पालिका में जुडे हुए 21 गांवों में कहीं भी आज तक एक भी कचरा कलेक्शन की गाडी नही पहुचती जिसके कारण आज जन त्रस्त है, भले ही एनओसी के लिए जनता से पैसे पुरे वसुल लिये जाते हैं।
बदतर सफाई का बडा कारण
नगर पालिका क्षेत्र में बदतर साफ सफाई के बडे कारण में गौर करेंगे तो पता चलेगा कि शासन के निर्देशानुसार 1 हजार के जन संख्या में 1 महिला और 1 पुरूष सफाई कर्मी का प्रावधान है। सारंगढ़ में लगभग 28000 की जन संख्या है ऐसे में 56 सफाई कर्मियों के सेटअप की आवश्यकता है लेकिन वर्तमान में महज 25 सफाई कर्मियों से काम चलाया जा रहा है। 12 पुरूष सफाई कर्मी जिसमें 5 कचरा परिवहन वाहन, 1 कलेक्ट्रेट, 1 एसपी ऑफिस- सिविल कोर्ट, 1 कचहरी- नगर पालिका और 13 महिला सड़क सफाई हेतु जाते हैं ऐसे में बचते हैं अंतिम 4 पुरूष जिनके उपर पुरे सारंगढ़ में नाली के ढक्कन को खोलने की और नालियों के सफाई की जवाबदारी होती है। जहां पर 56 सफाई कर्मियों की आवश्यकता है वहां पर आखिर 25 सफाई कर्मियों से कैसे काम बनेगा सोचनीय विषय है। उसके बाद कुछ स्वच्छता कमांडो ऐसे भी हैं जिन्हे नगर पालिका के भीतर ही बैठा के रखा गया है जो सफाई हेतु कहीं नही जाते हैं। आज से 10 साल पहले 42 सफाई कर्मियों का पुरा टीम हुआ करता था लेकिन आज नगर पालिका बनने के बाद स्थिति विपरित होते जा रही है।
जनता और सफाई कर्मियों के मध्य प्रतिस्पर्धा
सारंगढ़ की बदतर स्थिति देखने से ऐसा प्रतीत होता है जैसे सारंगढ़ की जनता और सफाई कर्मियों के बीच में कचरा फेंकने और कचरा उठाने के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही हो। वहीं नगर पालिका में सिर्फ सुबह की सफाई ही ढंग की होती है शाम के समय की सफाई महज कागजों में दिखावा के रूप में चलता है जिसके कारण नगर पालिका क्षेत्र की स्थिति अत्यंत बदतर है। सफाई कर्मियों के
द्वारा जनता के आशानुरूप जहां कचरा नही उठाया जा रहा है तो वहीं जनता भी मनमानी ढंग से कचरा फेंक रही है। अगर अनुपात की बात की जाए तो सारंगढ़ नगर पालिका में 8: 2 का अनुपात चल रहा है। आठ बार कचरा फेंकाता है तब दो बार कचरा बमुश्किल उठ पाता है। जब तक सफाई कर्मियों के संख्या में वृद्धि नही होगी तब तक सारंगढ़ में अच्छे साफ सफाई की उम्मीद करना बेमानी होगी।
सफाई कर्मियों की संख्या बढवाने हेतु करेंगे पहल- मयूरेश केशरवानी
इस विषय में जब नगर पालिका में वार्ड क्रमांक 4 से पार्षद और जिला मिडिया प्रभारी मयूरेश केशरवानी से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि कांग्रेस के सरकार में साफ सफाई को लेकर कोई भी जागरूकता नही थी जिसके कारण सारंगढ़ की सफाई व्यवस्था बदतर हो चुकी है लेकिन अब प्रदेश में भाजपा की सुशासन वाली सरकार है ऐसे में नियमित सफाई कर्मियों की संख्या बढाने हेतु उचित मंच में बात रखी जाएगी और सफाई कर्मियों की संख्या में वृद्धि कराई जाएगी ताकि अंचलवासियों को राहत मिल सके। वर्तमान मंे जन संख्या के मुकाबले सफाई कर्मियों की संख्या बहुत ही कम है जिसके कारण जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जल्द ही निराकरण हेतु कदम उठाए जाएंगे।