जशपुर:- मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि चौकी कोतबा क्षेत्र के ग्राम में दिनांक 22.02.2024 के सुबह अज्ञात महिला का शव नग्न हालत में खेत में पड़ा मिला था। सूचना पर पुलिस द्वारा मौका पहुंच कर अज्ञात महिला का पहचान कराने के बाद मृतिका के भाई आरोपी द्वारा मौका में शव पहचान कर रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी बड़ी बहन दिनांक 20.02.2024 के शाम को इसके घर आई थी दूसरे दिन 21.02.2024 को अपने चाची के साथ पास के गांव में उधारी का पैसा लेने सुबह गयी थी शाम के 04.00 बजे करीबन वापस दोनों आये। दिनांक 21.02.2024 की रात्रि अपनी मां के साथ मृतिका सोयी थी कि करीब 10.00 बजे रात्रि बिना बताये कहीं जाने की रिपोर्ट पर मर्ग सदर कायम कर मृतिका के शव का शव पंचनामा कार्यवाही बात पीएम कराया गया। शार्ट पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु गला दबाने पर आंतरिक चोंट पहुंचा कर हत्या करना लेख करने पर दिनांक 23.02 2024 को अज्ञात आरोपी विरूद्ध अपराध कमांक 29/2024 धारा 302 भा.द.वि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
➡️ विवेचना दौरान प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह (IPS) द्वारा विशेष टीम गठित किया गया। विवेचना दौरान ज्ञात हुआ कि मृतिका आरोपी की बड़ी बहन थी। मृतिका के मायके के सदस्यों से पूछताछ पर यह पता चला कि मृतिका दिनांक 20.02.2024 के शाम को अपने मायके आई थी दूसरे दिन 21.02.2024 को अपने चाची के साथ उधारी का पैसा लेने सुबह गयी थी शाम के 04.00 बजे करीबन वापस दोनों आये थे। पूछताछ पर मृतिका का भाई बताया कि घर आने के बाद उनकी मां अपने पेंशन का मिला रूपया को मुर्गा लेने के लिये अपने बेटा को 500 रूपया दिया मुर्गा लाकर बना रहा था, उसी समय गांव के आये व्यक्ति से शराब पीने के लिये रूपया मांगने से उसे 200 रू० दिया। तब अपने मां के साथ 100 रु० का महुआ शराब लेकर वापस घर आकर मृतिका, मां, भाई और गांव का व्यक्ति बैठकर शराब पीये। आया व्यक्ति शराब पीकर अपने घर चला गया। मृतिका, भाई, मां तीनों बातचीत करत हुए बैठे थे इसी बीच मां ने कहा कि *”बेटी तू भी मेरी आधी सम्पति की हकदार है”*, यह बोलने पर मृतिका अपने भाई से बोली कि मां ठीक ही तो बोल रही है मैं भी तो आधी सम्पति की हकदार हूं जिसे सुनकर भाई को खराब लगा इसी बात पर वाद विवाद हो गया। मृत्तिका व उसकी मां बिना खाना खाये एक साथ परछी पर सो गये जबकि आरोपी अपने कमरे में पत्नी के साथ सोने चला गया, जिस पर इसकी पत्नी चोली की तुम्हारा मुह बदबू कर रहा है। यह कह कर इसकी पत्नी सो गयी। कुछ देर बाद मृत्तिका पेशाब करने के लिये बाहर निकली उसी समय आरोपी भी बाहर निकल कर घर के आंगन में मृतिका को पटककर जबरन दुष्कर्म किया। तब मृतिका ने कहा कि घटना की बात मैं मां को बताउंगी। यह बात बताने के लिये आरोपी ने मना किया तब भी मृतिका बताउंगी बोलते हुए वापस अपने मां के साथ खाट में सो गयी और आरोपी भी अपने कमरे में चला गया। तब आरोपी मन ही मन सोचने लगा कि यदि घटना की बात मां को बता देगी तब मेरी बहुत बदनामी होगी इसलिये बदनामी व लोक लाज के कारण रात्रि करीब 11-12 बजे आरोपी आरोपी ने पैतृक जमीन को मृतिका को हिस्सा न देना पड़े और लोक लाज से बचने के लिये बलात्कार के बात को छिपाने के मकसद से गमछा (साफी) का उपयोग करते हुए मृतिका के गला को कस कर हत्या कर दिया। उसी समय आरोपी की मां जग गयी तब आरोपी ने उसे “*चुप रहना यह बात किसी को मत बताना कहकर शांत करा दिया।”* आरोपी ने मृतिका के लाश को अपने कंधा में लादकर गांव के खेत के किनारे लेटा दिया और मृतिका के कपड़े को उपर उठा कर मृतिका को नग्न हालत में कर उसके शरीर को दांतों से काट दिया। इसके बाद आरोपी घर वापस आकर सो गया। अगले दिन आरोपी के द्वारा लाश की पहचान शिनाख्तगी में भी जानबूझ कर विलम्ब किया गया जिससे आरोपी शुरूवात से ही संदेह का दायरे में था।
➡️ मृतिका द्वारा मां की सम्पति में अपना हक मांगे जाने से आरोपी पहले से आकोशित था तथा बाद में जबरन शारीरिक संबंध बनाकर मृतिका के साथ उसने बलात्कार भी किया। बहन के साथ बलात्कार का रहस्य उदघाटन एवं लोक लाज के भय तथा अपनी सम्पति में हिस्सा कम हो जाने के आकोश में आरोपी के द्वारा अपनी बहन मृतिका का गमछे से गला दबा कर हत्या करना स्वीकार किये जाने पर भादवि की धारा 302, 376, 201 के तहत आज दिनांक 26.02.2024 को गिर0 कर न्यायिक रिमाण्ड में भेजा गया।
➡️सम्पूर्ण मामले में पुलिस अधीक्षक जशपुर महोदय के द्वारा एक टीम गठित की गयी जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय श्री उमेश कश्यप के मार्गदर्शन में मामले की पता साजी एवं विवेचना के आवश्यक निर्देश दिये गये। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पत्थलगांव श्री हरीश पाटिल के नेतृत्व में चौकी प्रभारी श्री नारायण साहू, प्रआर 107 अनंत मिरास किस्पोट्टा, प्रआर. 342 मोहन बंजारे, आर 235 बुटा सिंह, 685 मुकेश पाण्डेय, 558 तुलसी रात्रे का विशेष योगदान रहा है।