Big Crime News/नई दिल्ली :- बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद हिंदू अल्पसंख्यंकों पर हमले बढ़ गए हैं। लगातार हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों को तोड़ा गया है, हिन्दुओं के घरों में आग लगा दी गई।
बता दें, यहां तक की कई जगह पर हिंदू महिलाओं के साथ रेप की भी घटना सामने आई। आज हम एक ऐसी ही घटना की बात करेंगे जो 12 साल की पूर्णिमा रानी शील के साथ हुआ। उसके पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम उसे तब तक नोचते रहे जब तक वह मरने-मरने को नहीं हो गई। वो इतने बेदर्द थे कि पूर्णिमा के बेहोश हो जाने पर उसके मुँह पर पानी के छींटे मारकर उसे होश में लाते थे और फिर उसका बलात्कार करते थे।
खालिदा जिया की पार्टी के लोग
दरअसल, घटना 8 अक्टूबर 2001 की है। हादसे को याद करके अभी भी पूर्णिमा कांप जाती हैं। उसके पड़ोस में रहने वाले 30 लोगों ने पर्बी देलुआ स्थित उसके घर पर हमला किया। उस घर में अनिल चंद्र अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहते थे। 25-30 की संख्या में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और जमात ए इस्लामी संगठन के कट्टरपंथियों ने पूर्णिमा की मां को बुरी तरह से पीटा। मां-बाप के सामने ही इन्होंने बच्ची के साथ बलात्कार किया। रेप के दौरान पूर्णिमा बार-बार बेहोश हो जा रही थी तब निर्दयी चरमपंथियों ने मुंह पर पानी के छींटे मारे ताकि वह होश में रहे।
प्लीज़ एक-एक करके बलात्कार करो
फिलहाल, बच्ची की हालत खराब थी, वह दर्द से मरी जा रही थी। उसका असहनीय दर्द देखकर मां चीख पड़ी और विनती करने लगी कि अब्दुल…अली मैं तुम लोगों से भीख मांगती हूं। मुझे पता है कि मुस्लिम न होने की वजह से मैं तुम लोगों के लिए अपवित्र हूं लेकिन मेरी बच्ची को छोड़ दो। अल्लाह के वास्ते एक-एक करके उसके साथ बलात्कार करो। एक साथ वो सहन नहीं कर पाएगी। मर जाएगी मेरी बच्ची, वह खून में सनी हुई है। पूर्णिमा आज भी जिन्दा है। वह कहीं छुपकर रह रही हैं। उस घटना को लेकर आज भी आवाज उठा रही है। पूर्णिमा कहती हैं कि उन रेपिस्टों में से ज्यादातर को मैं पहचानती हूं, वो सब मेरे पड़ोस के रहने वाले थे।
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर