कुनकुरी :- पूर्व संसदीय सचिव व कुनकुरी के पूर्व विधायक यू. डी. मिंज ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज को प्रदेश के लिए बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार इसी तरह कर्ज लेता रहा तो प्रदेश का हर व्यक्ति कर्ज तले दब जाएगा।
उन्होंने कहा कि महज 10 माह के कार्यकाल में भाजपा की विष्णुदेव सरकार ने छत्तीसगढ़ पर 25 हजार करोड़ का कर्ज चढ़ा दिया है। यह कर्ज सरकार ने अपने 7 माह के कार्यकाल अवधि तक ही ले लिया था। वहीं, आगामी खरीफ सीजन में धान खरीदी के लिए 37 हजार करोड़ रु. कर्ज लेने का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसमें से 25 हजार करोड़ रु. की कर्ज पर प्रस्ताव भी पारित कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में भाजपा के छोटे से बड़े नेता यह कहते नहीं थकते थे कि धान खरीदी तो केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। फिर कर्ज किस बात के लिए लिया जा रहा। अब उन्हें बताना चाहिए कि केंद्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, फिर उन्हें कर्ज लेने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है।
श्री मिंज ने कहा कि केंद्र से सहयोग नहीं मिलने के बाद भी पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में पूर्व सीएम भूपेश बघेल द्वारा किसानों की कर्ज माफी, राजीव गांधी न्याय योजना के तहत 10 हजार रु. अंतर की राशि चार किस्तों में किसानों के खाते में प्रदान किया जाता रहा, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता प्रदान की गई। इसके अलावा प्रदेश के हर वर्ग को लाभ पहुंचाया गया। किसानों, श्रमिकों, भूमिहीन मजदूरों, युवाओं सभी को सशक्त बनाने का काम किया। लेकिन, कभी इतना अधिक कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन काल के 5 साल में उतना कर्ज नहीं लिया गया, जो वर्तमान में भाजपा के विष्णुदेव सरकार ने महज 10 माह के कार्यकाल में लिया है। 1 साल के भीतर ही भाजपा की सरकार ने 50 हजार करोड़ से भी अधिक कर्ज लेने का इतिहास रच डाला। वर्तमान सरकार द्वारा इसी प्रकार कर्ज लिया जाता रहा तो आगामी 5 साल में प्रदेश पर 3 लाख करोड़ रु. कर्ज बढ़ जाएगा। जिससे छत्तीसगढ़ सिर से पैर तक कर्ज में डूब जाएगा।
पूर्व विधायक श्री मिंज ने कहा कि एक ओर साय सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, दूसरी ओर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दाैरान आम जनता को राहत देने शुरू की गयी योजनाओं को भी बंद कर दिया गया। बिजली बिल में बढ़ोत्तरी, जमीन रजिस्ट्री में 30 परसेंट की छूट खत्म कर दी गई, 18 लाख पीएम आवास नहीं दे पा रहे, सरकारी कर्मचारियों को वेतन, भत्ता नहीं दे पा रहे, संविदा कर्मियों को 8-9 माह से वेतन नहीं मिल पाया है, रसोइयो, मध्यान्ह भोजन बनाने वाली समूह की महिलाओं का मानदेय नहीं दिया जा रहा, अस्पतालों में स्टाफ की भर्ती नहीं की जा रही, दवाइयों की सप्लाई नहीं की जा रही, 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात पूर्व मंत्री व वर्तमान सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा कही गई थी, जो ठंडे बस्ते में चला गया है, नाैकरी के अवसर नहीं दिया जा रहा, सरकार बनने के बाद से फूटी काैड़ी का विकास कार्य नहीं कराया गया। लेकिन, कर्ज लेने में कोई कमी नहीं की जा रही।