जशपुरनगर :- कलेक्टर श्री रोहित व्याय से जिले में जल संसाधनों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए जिला स्तरीय जल एवं प्राकृतिक संसाधन पर संवाद एवं प्रशिक्षण सह कार्यशाला 22 नवम्बर 2024 को 11.़00 से 03.00 बजे तक जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित की है। जिसका उद्देश्य क्षेत्र में जल संसाधन संबंधी चुनौतियों की समक्ष को बढ़ाना, समुदाय की भागीदारी और विभिन्न हितधाराकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, जल संसाधनों और प्राकृतिक संसाधनों के सतत् प्रबंधन के लिए क्रियात्मक योजनाएं विकसित करना, मनरेगा के तहत जल संबंधित गतिविधियों को 65 प्रतिशत प्राथमिकता देने पर ध्यान केन्द्रित करना, बी. एल.सी.सी. ब्लॉक स्तरीय समन्वय समिति और डी.एल.सी.सी. जिला स्तरीय समन्वय समिति को सुदृढ़ बनाना, ब्लॉक और जिला स्तरीय समन्वय समितियों की भूमिका को बढ़ाने के लिए रणनीतियाँ विकसित करना, जल स्तर में वृद्धि व उसके समाधान के लिए कार्य योजना तैयार करना है।
विदित हो कि जशपुर जिला पहाड़ी और जंगली क्षेत्र से घिरा हुआ है। जहॉ जल वितरण और भंडारण की समस्या है यह जिला मुख्यतः वर्षा पर निर्भर कृषि पर आधारित होने के कारण अनियमित वर्षा सूखा और जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है, नदियों और झरनों से समृद्ध होने के बावजूद मैसमी उतार-चढ़ाव, भूजल स्तर में गिरावट और अकुशल जल प्रबंधन के कारण कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी की समस्या है, जिसका सीधा असर कृषि उत्पादन, लोगों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों की स्थिरता पर पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त जिले के कृषि एवं जल संसाधन विषय अंतर्गत सूचकांक क्रमांक 1.1 से 10 तक जल प्रबंधन और आईएनआरएम के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम किया जाना सुनिश्चित करना है।
कलेक्टर ने वन विभाग, पंचायत विभाग, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग, पी.एच.ई, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग, पशुपालन विभाग, राष्ट्रीय आजीविकास मिशन, स्किल डेवलपमेंट एवं कृषि विज्ञान केंद्र को जल संवाद हेतु प्रतिभागियों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।