भुनेश्वर निराला
रायगढ़। गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था। कई ग्राम पंचायतों में इस राशि का भी गबन कर दिया गया। छह पंचायतों से अब भी करीब 57 लाख रुपए की रिकवरी की जानी है। वसूली के लिए कार्यवाही रुक गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय विहीन घरों में पक्के टॉयलेट का निर्माण किया जाना था। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रत्येक हितग्राही को आर्थिक सहायता दी। ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। कई पंचायतों में फर्जीवाड़ा किया गया।बिना शौचालय निर्माण के ही राशि आहरित कर हड़प ली गई। इसकी जांच हुई तो सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक सबकी संलिप्तता मिली। जिला पंचायत ने ऐसे पंचायतों से रिकवरी के लिए आदेश जारी किया। लैलूंगा के झारआमा में 7,42,216 रुपए, बरमकेला के जलगढ़ से 6.60 लाख रुपए, सकरतुंगा से 1,37,601 रुपए, रायगढ़ के बरपाली से 8,35,594 रुपए, तमनार के डोलेसरा से 19.57 लाख रुपए और सारंगढ़ के अमलीपाली-ब से 14,37,868 रुपए वसूली होनी है। इसके अलावा कई पंचायतों में गुणवत्ताहीन काम भी हुए। शौचालय निर्माण की आड़ में लाखों रुपए की कमीशनखोरी हुई। जिनके घरों में पहले से शौचालय थे, उनके नाम से भी राशि जारी कर दी है।
नगर निगम का घोटाला भी दबाया
नगर निगम रायगढ़ में प्रदेश का सबसे बड़ा शौचालय घोटाला हुआ। अब भाजपा-कांग्रेस दोनों के पार्षदों ने इस मामले को दबा दिया है। 11 करोड़ रुपए का भुगतान ठेकेदारों को किया गया। ठेकेदारों को वर्क ऑर्डर देने में नियमों का पालन ही नहीं किया गया। दो आयुक्तों के कार्यकाल में पूरी गड़बड़ी की गई। भाजपा-कांग्रेस से जुड़े कई नेताओं ने ठेके हासिल किए। पुराने शौचालय को ही नया बताकर राशि आहरित कर ली गई।