रायगढ़: हाइवे पर हादसों वाली जगह की पहचान कर उसकी जीपीएस मैपिंग की जा रही है। हादसे कम हों, इसके लिए प्रयास किया जाएगा । हाल ही में रायगढ़ अंबिकापुर मार्ग का सर्वे किया है। जिले में सबसे ज्यादा हादसे यही हुए बताए गए हैं। सालभर में 30 हादसों में 13 लोगों की मौत इसी मार्ग पर हुई है। हादसा रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी, परिवहन, ट्रैफिक और प्रशासनिक की संयुक्त टीम सर्वे के बाद उपाय ढूंढेगी।
जिले के पांच थाना क्षेत्रों में खतरनाक जगहों की पहचान होगी। शुरुआत कोतवाली थाना क्षेत्र से हुई है, चक्रधर नगर, खरसिया, पूंजीपथरा, घरघोड़ा जैसे थानों में सर्वे होगा। ढिमरापुर चौक से ले करके गेरवानी तक (सीएमओ तिराहा आसपास) की सड़क में ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ज्वाइंट रिपोर्ट के आधार पर जो बात सामने आई है।
उसमें अंबिकापुर रोड में सबसे ज्यादा हादसे अधिक हुए हैं। शहरी क्षेत्र में दुर्घटनाजनित क्षेत्र की जानकारी जुटाई जा रही है। लाखा से गेरवानी स्थित वेलकम ढाबा और सूरज रोलिंग मिल के पास इन्ही जगहों में ही हादसे होने की बात सामने आई है।
ट्रैफिक के दबाव से नहीं बन पा रही है सड़क
रायगढ़ पूंजीपथरा तक करीब 21 किमी सड़क बनाई जानी है। पीडब्ल्यूडी एसडीओ एमएस नायक ने बताया कि 20 किमी बनाई जा चुकी है। अब पूंजीपथरा से घरघोड़ा तक
सड़क पर काम होगा। ट्रैफिक दबाव होने के साथ ही ओवर लोड गाड़ियां चलने, स्पीड कंट्रोल नहीं होंने, ड्राइवर के नशे में होने और हादसों के कारण काम धीमा है। बंजारी घाट में काम में डामरीकरण पूरा नहीं लेकिन ड्राइवर अधूरी सड़क पर गाड़ी चलाते हैं।
मुख्य सचिव को पत्र लिखा फोरलेन बनाने की जरूरत
पीडब्ल्यूडी रिपोर्ट आधार पर ही बढ़ते हादसे, ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लिखा है। उसमें रायगढ़ घरघोड़ा धरमजयगढ़ पत्थलगांव रोड को फोर लेन या सिक्स लेन की सड़क जरूरी है, इसके लिए 110 किलोमीटर की सड़क को सिक्स लेन कराने की मांग उठाई है। इसमें पहल करने की बात कही है, रायगढ़ खरसिया में चपले के बाद डिवाइडर बनाया गया है, उसके बाद चपले रायगढ़ 22 किमी तक डिवाइडर बनाने की मांग की गई है।
संकेतक समेत अन्य उपाय करेंगे
सड़क हादसे रोकने के लिए रंबल स्ट्रीप (ब्रेकर) लगाए, स्टापर लगाने, रोड मार्किंग, साइन बोर्ड, हादसे होने वाले जगहों रेडियम लाइट लगाने जैसे उपाय करने की जरूरत है। पीडब्ल्यूडी इंजीनियर रेबल स्ट्रीप लगाने के पक्ष नहीं है। वजह ट्रैफिक अधिक होने की बात कहते हैं। आरटीओ दुष्यंत रास्यत ने बताया कि हाई रेड मोबाइल एप बना है, जिसमें कही भी कोई हादसा होता है तो सबसे पहले वहां पर पुलिस पहुंचती है।