रायगढ़। महापौर श्रीमती जानकी अमृत काटजू के विरूद्ध भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान की तिथि मुकर्रर होते ही नगर निगम की सियासत में फिर से उबाल आ गया है। ऐन विधानसभा चुनाव के ठीक ढाई महीने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के पीछे सुनियोजित राजनीति छिपी है। चुनाव के पहले भाजपा आम जनता को यह संदेश देना चाह रही है कि कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके ठीक उलट, कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को ध्यान मे रखते हुए पूरी तरह से चौकस है।
महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान १५ सितंबर को होना है। अविश्वास प्रस्ताव पर सियासत तेज होती जा रही है। हालांकि यह खदबदाहट सार्वजनिक तौर की बजाए भीतरखाने में अधिक है। अविश्वास प्रस्ताव के अंकगणित की बात करें तो वर्तमान में नगर निगम में कुल पार्षदों की संख्या ४९ है जिनमें कांग्रेस के २६ पार्षद हैं और भाजपा के पास २१ पार्षद हैं। अंक गणित की बात करें तो भाजपा को अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिये ३२ पार्षदों की आवश्यकता होगी और ये ११ पार्षद उन्हें कांग्रेस से जुटाने होंगे।
कहने का मतलब यह है कि अविश्वास प्रस्ताव तभी पारित होगा, जब कांग्रेस के ११ पार्षद बगावत कर भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करेंगे। कांग्रेस के आधा दर्जन पार्षद यह बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि महापौर अपनी सिंहासन पर विराजित हों। ये पार्षद भाजपा के सम्पर्क में हैं और उनकी भाजपा नेताओं से लगातार बातचीत भी हो रही है। वहीं दूसरी ओर अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस फ्रंट फुट पर है। विगत दिवस उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल ने नंदेली हाऊस में रायगढ़ के कांग्रेस नेताओं से इस सिलसिले में बातचीत की। इस दौरान विधायक प्रकाश नायक शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला, महापौर जानकी काटजू, सभापति जयंत ठेठवार, मेयर पति अमृत काटजू के अलावा हरमीत घई व किरण पंडा भी उपस्थित रहे।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के सामने जयंत ठेठवार ने खुलकर अपनी बात रखी। उसके बाद श्री पटेल ने साफ शब्दों में कह दिया कि चुनाव सिर पर है, किसी भी सूरत में अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं होना चाहिए क्योंकि पार्टी की साख का सवाल है। पार्षदों को विश्वास में लें, उनसे बातचीत करें और उनकी शिकायतों को दूर करें। सूत्रों का कहना है कि मेयर के खिलाफ अविश्वस प्रस्ताव के भाग्य का फैसला सभापति जयंत ठेठवार करेंगे क्योंकि उन्हें १४ से १५ पार्षदों का समर्थन हासिल है।
चंकि रायगढ़ विधानसभा सीट से जयंत ठेठवार टिकट मांग रहे हैं, इस वजह से उनकी भूमिका और दिलचस्प हो गयी है। राजनीति में कभी-कभी असहज स्थिति निर्मित हो जाती है, अपमान का घूंट भी पीना पड़ता है और धैर्य के साथ अपनी मातृ संस्था के प्रति दायित्वों का भी निर्र्वहन करना पड़ता है कमोबेश ऐसा ही सूरत-ए-हाल जयंत ठेठवार का है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जयंत ठेठवार अपने समर्थक पार्षदों को किस तरह से मैनेज करते हैं।
क्या कहते हैं उमेश
नगर निगम में जंगल राज चल रहा है। शहर की कांग्रेस सरकार से जनता को अब कोई उम्मीद नहीं है। शहर सरकार नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करा रही हैं। कांग्रेस पार्षदों का एक वर्ग महापौर की क्रियाकलापों से बेहद नाराज हैं। भाजपा ने मेयर के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया है, वह जरूर पास होगा।
– उमेश अग्रवाल, जिला भाजपा अध्यक्ष रायगढ़
क्या कहते हैं अनिल
कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। महापौर व सभापति के बीच कोई अनबन नहीं है। हमारे सभी पार्षद दलगत अनुशासन व मर्यादा का पूरा पालन करेंगे मुझे भरोसा है। नाराजगी सरीखे कोई विषय नहीं है। भाजपा इस बार भी मुंह की खाएगी।
– अनिल शुक्ला, अध्यक्ष शहर जिला कांग्रेस कमेटी