जशपुर :- (छत्तीसगढ़) प्रदेश के एक हिस्से में भगवान श्री कृष्ण जी की बीजापुर में शिव और गणेश की प्राचीन प्रतिमाओं के इतिहास को सहेजे दण्डकारण्य (बस्तर) में एक ऐसी गुफा भी मौजूद है जहां श्रीकृष्ण की प्रतिमा विद्धमान है. लेकिन यहां जन्माष्टमी पर नहीं बल्कि गुड़ी पड़वा (हिन्दू नववर्ष) पर पूजा अर्चना होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह गुफा बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम तहसील मुख्यालय से दस किमी दूर मौजुद है. जिसे सकलनारायण गुफा के नाम से पुकारा जाता है।
पहाड़ी पर गुफा के भीतर श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित है. गुड़ी परवा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं. यहां रखे कुछ अंश बताते हैं कि रामायण और महाभारत काल के कुछ रहस्य छुपे हुए हैं. गुफा के अंदर बहुत सारी सुरंगें हैं. इन सुरंगों में भगवान विराजे हुए हैं।
बताया जाता है कि,गुफा के आस-पास सैकड़ों मधुमक्खियों की छत्ते लगी हुई हैं. पहाड़ी के आसपास गांव के पुजारी व ग्रामीण इस दर्शन की पूरी व्यवस्था करते है. एक दस मीटर की सुरंग है, जहां गोपिकाओं की मूर्तियां विराजी हुई हैं. भक्त यहां भी घुटनों के बल जाकर दर्शन कर लौटते हैं. रुद्राराम नेशनल हाइवे से आठ किमी दूर घने वन से आच्छादित पहाड़ी में गुफा है. गुफा तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, हिंदू नववर्ष के दिन आयोजक समिति द्वारा जंगलों से पगडण्डी रास्ते को साफ कर रास्ता निकाला जाता है, तब जाकर वह भक्त दर्शन के लिए पहुंचते है. जंगल भयानक होने की वजह से जंगली जानवरों का खतरा रहता है बाकी दिन यहां कोई नहीं जाता है. गुफा के अंदर अंधेरा छाया रहता है. श्रद्धालु अंदर जाने के लिए टार्च लेकर आते हैं. रास्ता सकरा व छोटा है. भक्त घुटनों के बल अंदर प्रवेश करते है. समिति द्वारा कार्यक्रम पांच दिन का किया जाता है व कृष्ण भगवान की शादी राधा संग रचाई जाती है. दोनों मूर्तियों का आपस में विवाह किया जाता है. श्रीकृष्ण की इतनी भक्ति होती है कि यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है।
रिपोर्ट- गजाधर पैंकरा