भुवनेश्वर। हीराकुंड बांध के 22 गेट खुलने से महानदी उफान पर है और बाढ़ का पानी महानदी तट के निचले इलाकों में घुसने लगा है
. बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए संबलपुर जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के साथ ज्यादा खतरे वाले इलाकों से कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों में रहने के लिए भेज दिया है. हीराकुंड बांध नियंत्रण कक्ष से शुक्रवार की शाम मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की सुबह से शुक्रवार की सुबह तक, ऊपरी मुहाने पर 72.78 मिमी और निचले मुहाने पर 46.80 मिमी बारिश हुई.
हीराकुंड बांध के जलभंडार में ऊपरी मुहाने से बारिश का पानी प्रवेश करने से बांध का जलस्तर बढ़ने लगा है. यह देखते हुए, शुक्रवार की सुबह बांध के छह और गेट खोले गए, जिससे कुल दो दर्जन गेटों से महानदी में पानी छोड़ा गया. शाम को जल भंडार में पानी की मात्रा बढ़ने पर दो और गेट खोले गए. ऐसे में, बांध के 22 गेटों से अबतक महानदी में पानी छोड़ा गया है.
शुक्रवार की शाम 6 बजे तक, बांध के जलभंडार का जलस्तर 627.91 फुट था. उस समय प्रति सेकंड 2 लाख 96 हजार 663 घनफुट पानी बांध के जलभंडार में प्रवेश कर रहा था और 3 लाख 53 हजार 842 घनफुट पानी महानदी में छोड़ा जा रहा था. मौसम विभाग के अनुसार आज से बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है. इसके अलावा, 18 सितंबर से ओडिशा में बारिश एक बार फिर बढ़ने की भी संभावना है.
भारी बारिश से 10 जिलों के 21 ब्लॉक बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों में कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी, नबरंगपुर और पांच अन्य जिले शामिल हैं. भारी बारिश के कारण कोरापुट के आठ ब्लॉक और कालाहांडी के छह ब्लॉक को काफी नुकसान हुआ है. भारी बारिश के कारण 21 ब्लॉकों के कुल 155 गांव जल मन्ग हैं. बताया जा रहा है कि 152 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि तीन लोगों की मौत की खबर है. लगातार भारी बारिश के कारण राज्य भर के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.