वनविभाग का अमला भ्रष्टाचार में मदमस्त तानासाही ऐसी की जनप्रतिनिधियों की भी नही सुनते ~ शुभम पेन्द्रो
जीपीएम~ वनविभाग की हालत कुछ-कुछ ऐसे जंगल की तरह हो गई है जहां भ्रष्टाचार की शिकायतें खोती जा रही हैं।चाहे फिर कार्य किये हुए मजदूरों का पैसा ही क्यो न हो सभी मे भ्रष्टाचार आला अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है । ऐसे मामलों के अलावा भी विकास वाली योजनाओं पर विभाग भ्रष्टाचार कर संलिप्त पाए जाते है ।
जीपीएम का वन विभाग भ्रष्टाचार में प्रथम श्रेणी में आता है यह एक ऐसा तानाशाह विभाग है जहां ना आम जनता की सुनी जाती है और ना ही मजदूरों की । यहाँ तक कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर ना उनकी बात मानी जाती है और ना ही उनको शासन की विकास की योजनाओं में पूछा जाता है ।
गौरेला पेंड्रा मरवाही का वन अमला अधिकारी भ्रष्टाचार में ईतने मदमस्त हैं की उन्होंने क्षेत्र के मात्र एक पर्यटन स्थल नेचर कैंप गंगनी बांध को भी नही छोड़ा है । नेचर कैम्प गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में स्थित है और वहाँ का कार्य बिलासपुर में बैठे दलालो द्वारा करवाया जाता है जो वनविभाग के भ्रष्टाचार को साफ प्रदर्शित कर रहा है ।
इन सभी भ्रष्टाचार के विरोध में एवं गौरेला पेंड्रा मरवाही के वन अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के विरोध में जिला पंचायत सदस्य शुभम पेन्द्रो ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वन विभाग मरवाही कार्यालय में काला झंडा फहरा कर उनका विरोध किया एवं जल्द विशाल आंदोलन के लिए चुनौती दी ।
शुभम पेन्द्रो ने कहा की आज वन विभाग भ्रष्टाचार का घर बन चुका है विभिन्न निर्माण कार्य वन विभाग के द्वारा किया जा रहा है किंतु उनका मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा है बेफिजूल शासकीय राशि का गलत तरीके से निरंतर आहरण किया जा रहा है वन विभाग के किसी भी कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर किया जाता है जो बिल्कुल गलत है हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे चाहे हमें जेल ही क्यों ना जाना पड़े ।
रिपोर्ट- कृष्णा पांडेय