Congress Candidate First List Analysis :- रायपुर। लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में जो देखने वाली बात है वह यह कि जहां भाजपा ने अपनी पहली सूची में अपने सबसे कमजोर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था तो वहीं कांग्रेस ने भाजपा के उलट अपने सबसे ताकतवर नेताओं को पहली सूची में जगह दी है।
कांग्रेस ने 30 प्रत्याशियों की पहली सूची में 8 विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जाहिर है कि उन पर परफॉर्मेंस नहीं करने समेत कई समीकरण में फिट नहीं बैठे। पहली ही लिस्ट में कांग्रेस ने अपने 11 फीसदी विधायकों के टिकट काट दिए इस लिहाज से देखा जाए तो पूरी लिस्ट में 20 से अधिक विधायकों पर गाज गिर सकती है। वहीं भूपेश सरकार में एक मंत्री को छोड़कर सभी मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष को दोबारा उन्हीं सीटों से मौका दिया गया है जहां से वे वर्तमान में चुनाव जीते हैं। पहली ही लिस्ट में 3 साहू को टिकट दी है, यानी 10 प्रतिशत दखल रखा है। भाजपा ने 85 में से 10 साहू को मैदान में उतारा है। यानी फिलहाल भाजपा ने 11 फीसदी तो कांग्रेस ने 10 प्रतिशत साहू प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जोकि एक जैसे ही नजर आ रहा है।
इसके अलावा पहली सूची में पहले चरण की 20 में से 19 सीटों पर प्रत्याशी के नाम शामिल हैं। इसमें जगदलपुर को छोड़कर बस्तर संभाग की 12 में से 11 और राजनांदगांव लोकसभा की सभी 8 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव संभाग की 8 सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है। राजनांदगांव से गिरीश देवांगन को उतारकर कांग्रेस ने चौकाया है।
पहली ही लिस्ट में पूरे मंत्रियों के नाम
कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में वर्तमान सरकार के पूरे मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है। इनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही उपमुख्यमंत्री सारे मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष और पार्टी के अध्यक्ष का नाम सूची में शामिल है। हालाकि यह बात आईबीसी24 में लिस्ट जारी होने के बहुत पहले से सामने आ गई थी कि मंत्रियों के टिकट नहीं काटे जाएंगे, जोकि सही साबित हुई है।
भाजपा ने 4 तो कांग्रेस ने एक सांसद को दिया मौका
कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में एक सांसद को भी मौका दिया है। चित्रकोट से सांसद दीपक बैज को प्रत्याशी बनाया है, जो कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं। भाजपा ने अब तक जारी 85 लोगों में 4 सांसदों को मौका दिया है। भाजपा ने सांसद विजय बघेल, गोमती साय, अरुण साव और रेणुका सिंह को टिकट दी है। हालाकि अभी भाजपा की 5 और कांग्रेस की 60 सीटों पर प्रत्याशी आने बाकी हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास अभी एक एक सांसद को टिकट देने का मौका है, कांग्रेस ज्योत्सना महंत तो भाजपा संतोष पाण्डेय को टिकट दे सकती है।
कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 9 नए चेहरे उतारे
कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 9 नए चेहरों को मौका दिया है। ऊपर आठ सीटों के विषय में बताया गया है, जहां विधायकों के टिकट काटे गए हैं, जबकि एक चेहरा गिरीश देवांगन का है, जिन्हें राजनांदगांव में डॉ. रमन सिंह के खिलाफ उतारा गया है।
शिक्षामंत्री रहे टेकाम को सूची में जगह नहीं
प्रतापपुर से विधायक प्रेमसाय सिंह टेकाम, जो शिक्षामंत्री रहे, उनका नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। कहा जा रहा है कि प्रेम साय सिंह टेकाम के प्रति क्षेत्र की नाराजगी के चलते उन्हें किनारे भी कर दिया गया। उस वक्त इस्तीफे के बाद उनका एक बयान आया था- इस्तीफा दिया नहीं जाता, ले लिया जाता है, जाहिर है कि आलाकमान की भी उनसे नाराजगी रही है।
राजनांदगांव में कांग्रेस बनाम भाजपा के प्रत्याशी
भाजपा ने राजनांदगांव से पूर्व सीएम रमन सिंह, डोंगरगढ़ से विनोद खांडेकर, डोंगरगांव भरतलाल वर्मा, व खुज्जी गीता घासी साहू को विधानसभा में अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं कांग्रेस ने राजनांदगांव से गिरीश देवांगन, डोंगरगढ़ से हर्षिता स्वामी बघेल, डोंगरगांव दलेश्वर साहू व खुज्जी से भोलाराम साहू को विधानसभा का टिकट दिया है। राजनांदगांव जिले के राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव व खुज्जी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन दाखिले के समय देश के गृहमंत्री अमित शाह राजनांदगांव आए।
भाजपा से डाक्टर रमनसिंह, भरतलाल वर्मा, गीता घासी साहू और विनोद खांडेकर सोमवार की दोपहर नामांकन दाखिल किए। इस अवसर पर देश के गृहमंत्री अमित शाह उपस्थित रहे। नामांकन रैली के पहले गृहमंत्री अमित शाह स्थानीय स्टेट हाई स्कूल में सभा को सम्बोधित किये । उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने पर छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस की पहली सूची जारी की गई है। बहुत अच्छी सूची है और लोगों में जबरदस्त उत्साह है।राजनांदगांव में गिरीश देवांगन के रमन सिंह से मुकाबले पर उन्होंने कहा कि गिरीश देवांगन रमन सिंह को पटखनी देंगे।
राजनांदगांव में फिर कांग्रेस ने उतारा बाहरी प्रत्याशी
बता दे कि, कांग्रेस ने राजनांदगांव में एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी को मौका दिया, जिससे भाजपा को आसानी हो सकती है। यहां गिरीश देवांगन को टिकट दी गई है। स्व. उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार का नाम जोरों से चला था, लेकिन गिरीश देवांगन का नाम सामने आया। पिछली बार करुणा शुक्ला को कांग्रेस ने टिकट दी थी। उन पर भी बाहरी होने का आरोप लगा। वैसे, कांग्रेस के पास भी यही तर्क है कि डॉ. रमन सिंह भी तो बाहरी ही हैं। वे कवर्धा से क्यों नहीं लड़ते हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन से लड़ेंगे चुनाव
फिलहाल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन से चुनाव लड़ेंगे, इस पर सीएम ने कहा कि मुझे पाटन से टिकट मिली तो मेरे खिलाफ अफवाह फैलाने वाले चुप हो गए हैं, बता दें कि भाजपा के द्वारा यह कहा जा रहा था कि विजय बघेल के टिकट मिलने के बाद सीएम भूपेश बघेल अपने लिए किसी सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं साथ ही यह दावा भी किया जा रहा था कि सीएम भूपेश बघेल यदि पाटन से चुनाव लड़े तो वे हार सकते हैं। जिस पर सीएम ने पहले भी कहा था कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वे किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ेंगे दूसरी बात पार्टी जहां से टिकट देगी वे वहीं से चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
कवर्धा और साजा में दिग्गजों पर भरोसा
बता दें कि, प्रदेश की दो अन्य हॉट सीट कवर्धा और साजा में सांप्रदायिकता के दाग लग चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने यहां इसी हिसाब से उम्मीदवार उतारे हैं। साजा के बिरनपुर में ईश्वर साहू को, जिसके बेटे की हत्या कर दी गई थी और कवर्धा से हिंदुवादी नेता विजय शर्मा को उतारा गया है। कांग्रेस ने यहां अपने दिग्गज मंत्रियों साजा से रविंद्र चौबे और कवर्धा से मोहम्मद अकबर को ही मौका दिया है। मोहम्मद अकबर भले ही मुस्लिम समुदाय से हों, लेकिन पिछली बार पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट मोहम्मद अकबर को ही मिले थे।
8 विधायकों के टिकट काटने की वजह
▪️1. नवागढ़- नवागढ़ से गुरुदयाल बंजारे की टिकट काटी गई और रूद्र गुरू को टिकट दी गई है। रूद्र गुरू कुमार ने तीसरी बार अपनी विधानसभा सीट बदली है। इससे पहले वे आरंग और अहिवारा से चुनाव लड़ चुके हैं। सामाजिक धर्म गुरू हैं। समाज में अच्छी पकड़ है, लिहाजा उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता था, रूद्रगुरू कुमार की नवागढ़ से लड़ने की इच्छा का सम्मान पार्टी को करना पड़ा।
▪️2. चित्रकोट- चित्रकोट से राजमन बेंजाम की टिकट काटकर सांसद दीपक बैज को दिया गया है, दीपक बैज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। पीसीसी चीफ दीपक बैज यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं, जीतते रहे हैं। यही वजह थी कि राजमन की टिकट कटना तय माना जा रहा था।
▪️3. दंतेवाड़ा- दंतेवाड़ा से विधायक की टिकट जरूर कटा है, लेकिन प्रत्याशी परिवार से दिया है, दिवंगत महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा यहां से विधायक थीं। 2018 में मां देवती कर्मा को टिकट मिलने पर बेटे छबिन्द्र कर्मा ने ही बगावत कर दी थी। निर्दलीय लड़ने को तैयार हो गए थे, लेकिन नामांकन वापस ले लिया था। इस बगावत का असर यह रहा कि पार्टी चुनाव हार गई। भाजपा के भीमा मंडावी विधायक बने। 2019 में उनकी नक्सलियों ने हत्या कर दी और उपचुनाव में देवती कर्मा फिर जीतीं। कांग्रेस इस बार नहीं चाह रही थी कि छबिंद्र फिर से बगावत करें।
▪️4. अंतागढ़- कहा जा रहा था कि अंतागढ़ में लोग विधायक अनूप नाग से नाराज थे, क्योंकि उन्होंने पिछली बार वादा किया था कि सरकार बनी और विधायक बना, तो अंतागढ़ जरूर जिला बनेगा। सरकार भी बड़ी बहुमत के साथ आई और वे भी जीत गए, लेकिन जितने भी नए जिले बने, उनमें अंतागढ़ शामिल नहीं हुआ। अत: कांग्रेस ने उन्हे उतारकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
▪️5. कांकेर- कांकेर से पूर्व आईएएस शिशुपाल सोरी की टिकट कट गई है, इस बार शंकर ध्रुवा को उम्मीदवार बनाया गया है। दरअसल शिशुपाल सोरी की उम्र ज्यादा थी, पर उनकी लोकप्रियता बरकरार है। वे इस समय 77 वर्ष के हो चुके हैं। जाहिर है कि उम्र की वजह से ही उनकी टिकट कटी है।
▪️6. पंडरिया- पंडरिया से ओबीसी समाज को ही टिकट दिया गया है। यहां से ममता चंद्राकर की टिकट काटकर नीलकंठ चंद्रवंशी को प्रत्याशी बनाया गया है। ममता चंद्राकर के खिलाफ कांग्रेसियों ने ही मोर्चा खोल रखा था। उनके खिलाफ शिकायतें थीं कि वे पार्टी के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करती हैं। उधर, नीलकंठ बगल की सीट कवर्धा से विधायक व मंत्री मो. अकबर के बेहद करीबी हैं। कवर्धा के जिला अध्यक्ष भी रहे। इस समय ऐसे कैंडिडेट की जरूरत थी, जो ओबीसी समाज को भी साध सके और आसपास की सीटों पर सांप्रदायिक तनाव से होने वाले असर को भी कम कर सके। कहा जा रहा है कि जब कवर्धा में तनाव फैले थे, तो नीलकंठ ने मो. अकबर के साथ मोर्चा संभालने में अपनी भूमिका निभाई थी।
▪️7. खुज्जी- खुज्जी से छन्नी साहू की टिकट काटी गई है, छन्नी साहू टीएस सिंहदेव की करीबी मानी जाती हैं। भोलाराम साहू इससे पहले विधायक थे। उनकी टिकट काटकर लोकसभा से मौका दिया गया, लेकिन वे हार गए। किसी भी तरह की कंट्रोवर्सी से दूर रहने के लिए भोलाराम साहू को एक बार फिर मौका दे दिया गया।
▪️8. डोंगरगढ़- डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर बघेल की टिकट काटकर हर्षिता स्वामी बघेल को टिकट दी गई है। भुवनेश्वर को लेकर सक्रियता नहीं होने की शिकायत थी। कांग्रेस के सभी सर्वे में उनके लिए परिणाम नकारात्मक आ रहा था। जिला पंचायत की अध्यक्ष हर्षिता को लेकर प्रतिक्रिया ठीक आ रही थी। लिहाजा भुवनेश्वर की टिकट काटी गई।
कांग्रेस की पहली लिस्ट नवरात्रि में क्यों?
ज्ञात हो कि, छत्तीसगढ़ में कहीं न कहीं भगवान राम, हिन्दु-मुस्लिम, धार्मिक रीति-नीति, परंपराओं को लेकर चर्चाएं जारी रहीं। लोग इस बात की चर्चा करते रहे कि भारतीय जनता पार्टी हिन्दुत्व, धर्म-कर्म और भगवा का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन पितृपक्ष में टिकटें जारी कीं। आमतौर पर यह धारणा है कि पितृपक्ष में बड़े काम नहीं किए जाते। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव पहले ही कहते रहे कि नवरात्र के शुभदिन ही टिकटें आएंगी। इसका ज्यादा असर नहीं, लेकिन एक छोटा सा संदेश है कि कांग्रेस धर्म-कर्म, धार्मिक परंपरा, रीति-नीति और परंपराओं का पालन करने वाली पार्टी है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की सूची जारी होने के बार भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि अपने प्रत्याशियों की घोषणा नवरात्रि के दिन कर अपने आप को सनातन प्रेमी बताने वालों के कृत्य जनता देख देख रही है। छत्तीसगढ़ में अब लगातार हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है सनातन का अपमान किया जा रहा है आज नवरात्रि के पर्व पर जब माता रानी ने राक्षसी प्रवृत्तियों का नाश किया था संकल्प लेते हैं की सनातन विरोधी लोगों का छत्तीसगढ़ से सफाई जल्द होगा।
कांग्रेस की पहली सूची पर भाजपा का हमला
बता दें कि, कांग्रेस की पहली सूची पर भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि 300 दिन की मेहनत के बाद 30 सीटों पर मुहर लगा, ये इस बात को दर्शाता है कि कांग्रेस के अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं है। सभी सीटों पर मुहर लगेगी ऐसी उम्मीद थी। आठ विधायक परिवर्तित किए गए क्योंकि इनके परफॉर्मेंस ठीक नहीं थे। इसका मतलब यह कि सरकार का परफॉर्मेंस भी बहुत अच्छा नहीं रहा। मंत्री का क्षेत्र बदल दिया गया, इसका मतलब है कि कांग्रेस में हाहाकार मचा हुआ है, कांग्रेस हार की ओर बढ़ रही है।
फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी 21 रहेगी । कांग्रेस की जो आज 30 प्रत्याशियों की सूची जारी हुई है उसको लेकर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अधिकांश चेहरे घिसेपिटे और थके हुए हैं । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सहपाठियों की बलि चढ़ाने से भी परहेज नहीं है,रमन सिंह के खिलाफ गिरीश देवांगन रिकार्ड मतों से हारेंगे ।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर