भारतीय रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी के मामलों में रिपोर्टिंग और ऋण वसूली नियमों के उल्लंघन के लिए आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. आरबीआई ने कहा कि, उसने नियामक अनुपालन में कमियों के कारण दोनों बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है. इससे पहले सितंबर से अब तक आरबीआई ने पेटीएम बैंक समेत करीब 20 बैंकों, एनबीएफसी कंपनियों और सहकारी समितियों पर कार्रवाई की है.
आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर जुर्माना क्यों लगाया?
आरबीआई ने बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग, बैंकों द्वारा नियुक्त रिकवरी एजेंटों, बैंकों में ग्राहक सेवा और ऋण अग्रिम जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने पर 3.95 करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 20 की उपधारा (1) के उल्लंघन के लिए आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने कहा कि, बैंक आरबीआई को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में विफल रहा है. निर्धारित समय सीमा. आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक और ग्राहकों के बीच लेनदेन या समझौतों की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर 5.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया
आरबीआई ने 11 अक्टूबर को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 5.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना केवाईसी नियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है. इसके साथ ही नियामक अनुपालन में कमी के कारण 11 अक्टूबर को तीन सहकारी बैंकों और एक एनबीएफसी पर जुर्माना भी लगाया गया था. आरबीआई सितंबर महीने से अब तक करीब 20 बैंकों, एनबीएफसी कंपनियों और सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगा चुका है.