जशपुर :- छत्तीसगढ़ की जशपुर जिले भर मे रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. सरकारी रिकार्ड मे एक भी रेत खदान स्वीकृत नहीं है.अवैध रेत खदानो मे, ट्रैक्टर चालक स्वयं के साथ मजदूरों की जान को दांव मे लगा रहे हैं।
इस पूरे मामले में जिला और पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए है।
फिलहाल, जिला खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन ने बताया कि जिले मे रेत घाट की स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि 11 रेत घाट की स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा चुका है। इनमें 4 घाट स्वीकृति के अंतिम चरण मे है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाने के कारण स्वीकृति मे विलम्ब हो रहा है। चुनाव के बाद घाट स्वीकृत हो जाएगा।
नदियों को हो रहा है नुकसान
बता दें कि, अवैध रेत घाट मे सुबह से रात तक चल रहे उत्खनन से जिले के नदी नालो के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। शासन और ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित मापदंड को दरकिनार कर पुल और घने जंगलों के बीच से रास्ता बनाकर रेत का परिवहन कर रहे हैं। बेतरतीब और अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे उत्खनन से नदियों का जलस्तर और प्रवाह भी प्रभावित हो रहा है। शहर के आसपास की चर्चा की जाए तो डूमरटोली,खरसोता और झारखंड की सीमा पर स्थित भुड़केला में लावा नदी में भारी मात्रा में रेत का उत्खनन किया जा रहा है।
कागजों में सिमटा टास्क फोर्स
जानकारी के मुताबिक, रेत सहित सभी प्रकार के गौण खनिजों के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया। इस टास्क फोर्स में खनिज विभाग के साथ राजस्व,पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। लेकिन इस टास्क फोर्स की गतिविधियां,कागजों में ही सिमटी हुई है। नतीजा शहर के टिकैतगंज रोड में पुलिस द्वारा स्थापित बेरियर से होकर रोजाना बीसियों ट्रैक्टर अवैध परिवहन कर रहें हैं लेकिन इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। एसपी डी रविशंकर का कहना है कि रेत क अवैध परिवहन पर कार्रवाई करने की प्राथमिक जिम्मेदारी खनिज विभाग की है।
जिले में प्रस्तावित रेत घाट
फिलहाल, खनिज विभाग के अनुसार जिले में चडिया, अमडीहा, कोरंगा, टांगरगांव, सिरिमकेला, साईटांगरटोली, रेंगारघाट, साजबहार, ठेठेटांगर, केसरा और बाम्हनमारा, रातामाटी, लावाकेरा में रेतघाट शुरू करने का प्रस्ताव खनिज विभाग ने शासन को भेजा है। यह प्रस्ताव शासन स्तर पर विभिन्न स्तर पर लटके हुए है। खनिज विभाग का कहना है विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही,प्रस्तावों पर आगे की कार्रवाई हो सकेगी।
खतरे में मजदूरों की जान
रेत घाट से निकलने वाली सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। कच्चे रास्ते में कमर भर से अधिक गड्ढे में ट्रैक्टरों का फंसना और इसे निकालने के लिए जोखिम उठाना आम बात हो चुकी है। भुड़केला के पास लावानदी से रेत निकालने के दौरान जमीन छोड़कर उपर उठ रहे ट्रैक्टर के इंजन पर मजदूर को खड़े करने के जोखिम भरे दृश्य को नईदुनिया ने अपने कैमरे में कैद किया।
“जिले में रेत घाट शुरू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह प्रक्रियाधीन है। आचार संहिता खत्म होने के बाद,ही इस पर शासन निर्णय लेगी। अवैध उत्खनन और परिवहन के विरूद्व लगातार कार्रवाई की जा रही है।”-त्रिवेणी देवांगन,जिला खनिज अधिकारी,जशपुर
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर