Karva Chauth 2023 :- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति के जीवन की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए कठोर उपवास रखती हैं। इसके बाद चंद्रमा उदय होने के बाद और अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं।
बता दें कि, करवा चौथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और राजस्थान आदि राज्यों में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस बार ये व्रत कब किया जाएगा और करवा चौथ पर आपके शहर में चांद कब निकलेगा।
करवा चौथ की तिथि
▪️कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर, मंगलवार, रात्रि 09:30 मिनट से
▪️कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त:1 नवंबर, बुधवार, रात्रि 09:19 मिनट तक
▪️चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय 1 नवंबर को होगा,इसलिए इसी दिन करवा चौथ का व्रत किया जाएगा।
करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त
▪️पूजा शुभ मुहूर्त- शाम 05:34 मिनट से 06: 40 मिनट तक
▪️पूजा की अवधि- 1 घंटा 6 मिनट
▪️अमृत काल- शाम 07:34 मिनट से 09: 13 मिनट तक
▪️सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन और रात
करवा चौथ पूजा विधि
▪️करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
▪️इसके बाद जीवन के सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ अखंड सौभाग्य का संकल्प लें।
▪️करवा चौथ का व्रत और पूजा का संकल्प लेने के बाद पूजा स्थल पर भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय और गणेश की स्थापना करें।
▪️इसके बाद चौथ माता फोटो रखें और पूजा की जगह पर मिट्टी का करवा रखते हुए सभी देवी-देवताओं आह्वान करते हुए पूजा शुरू करें।
▪️करवे में पानी भरकर उसमें सिक्का डालकर उसे लाल कपड़े से ढक दें।
▪️पूजा की थाली में सभी श्रृंगार की सामग्रियों को एकत्रित करके एक साथ सभी महिलाएं करवा माता की आरती और कथा सुनें।
▪️महिलाएं सोलह श्रृंगार कर शाम को भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कर्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का विधिपूर्वक पूजन करते हुए नैवेद्य अर्पित करें।
▪️रात्रि के समय चंद्रमा का दर्शन करके चंद्रमा से जुड़े मंत्रों को पढ़ते हुए अर्घ्य दें।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर