जिला ब्यूरो ध्रुव जायसवाल
कोरिया धान खरीदी केंद्र में 15 किलोमीटर दूरी से पहुंचे किसानों को विक्रय दिनांक की पावती नहीं दी जा रही है. इसके लिए 2 से 3 दिनों के बाद बुलाया जा रहा है. ऐसे में किसान समिति के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में धान खरीदी अंतिम चरण पर है. प्रशासन ने धान खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग और किसानों को सुविधाएं देने का दावा कर रहा है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में किसान परेशान हो रहे हैं. कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्र जिल्दा में धान लेकर पहुंचे किसानों को पावती नहीं दी जा रही है. ऐसे में किसान चक्कर काटने को मजबूर हैं.
मनमाने तरीके से धान खरीदी कर रहे
दरअसल यहां के समिति प्रबंधक अखिल चंद्र सिंह धान खरीदी केंद्र में उपस्थित नहीं रहते हैं. समिति प्रबंधक की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर ऑपरेटर और सहायक यहां आने वाले किसानों से मनमाने तरीके से धान खरीदी कर रहे हैं. धान खरीदी केंद्र में 15 किलोमीटर दूरी से पहुंचे किसानों को भी विक्रय दिनांक की पावती नहीं दी जा रही है. किसानों को पावती के लिए 2 से 3 दिनों के बाद बुलाया जा रहा है. ऐसे में किसान समिति के चक्कर काटने को मजबूर हैं. वहीं किसानों को पावती ना देकर धान की मात्रा में भी हेर फेर करने के आरोप सहायक और ऑपरेटर पर लग रहे हैं.
समिति प्रबंधक ही उपस्थित नहीं
जिले के इस धान खरीदी केंद्र में समिति प्रबंधक ही नदारत रहते हैं. यहां कार्यरत कर्मचारी का कहना है कि बैंक प्रबंधक के द्वारा समिति प्रबंधक को बार-बार रजिस्टर मेंटेन करने के लिए बुला लिया जाता है जिस कारण वह ज्यादातर समय यहां नहीं रहते हैं. समिति प्रबंधक की अनुपस्थिति और नोडल अधिकारी के मॉनिटरिंग नहीं करने के कारण यहां सहायक का ही दबदबा बना हुआ है. किसानों से मनमानी ढंग से धान की खरीदी कर उन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए दोबारा बुलाया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारी के उपस्थित नहीं होने के कारण किसान इस रवैया को झेलने के लिए विवश हैं. बता दें कि धान खरीदी केंद्र जिल्दा में अब तक 643 किसानों ने 38749. 60 क्विंटल धान बेचा है. यहां पहुंचने वाले आसपास के किसान तो दोबारा पहुंचकर पावती ले रहे हैं लेकिन 10 से 12 किलोमीटर दूर के किसानों को बार-बार खरीदी केंद्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
सर्वर की परेशानी इसलिए नहीं देते पावती
धान खरीदी केंद्र में कार्यरत कर्मचारी रामेश्वर ने बताया कि खरीदी केंद्र में सर्वर की परेशानी है जिस कारण एक या दो दिन बाद ही किसानों को पावती दी जा रही है. वहीं धान उपार्जन केंद्र बड़े कलुआ और चिरमी के कर्मचारियों ने बताया कि धान बेचने के तुरंत बाद ही किसानों को पावती जा रही है. इसमें सर्वर की कोई परेशानी नहीं है.