सारंगढ़। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बच्चों को अनुभव आधारित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हर घर गुब्बारा कार अभियान शा प्रा.शाला बुटीपारा में आयोजित किया गया। प्रधान पाठक प्रियंका गोस्वामी के कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में व्यवस्थित ढंग से अभियान चलाया गया। शिक्षा जीवन का आधार है और बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन अर्थहीन व दिशाहीन हो जाता है। समय के साथ-साथ शिक्षा और अध्ययन में बदलाव भी देखने को मिला है।
एक समय था न्यूटन के नियम हमें केवल तख्तों पर दिखे हुए मिलते थे, पर आज ये सब बच्चे खुद प्रयोग करके देख रहे हैं। हमने अब तक पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रॉनिक वाहन के बारे में सुना है। अब हम उस कार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम है गुब्बारा कार। कबाड़ का जुगाड़ भी इसी अवधारणा में निहित है, इसके लिए प्राशा बुटीपारा में कबाड़ से जुगाड़ कर सामग्री पुराने खिलौने, प्लास्टिक बॉटल, गत्ते के टुकड़े और गुब्बारा आदि एक दिन पहले एकत्रित किये गए। इसके बाद यह गुब्बारा कार बनाया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता की वृद्धि हो रही है। बच्चे खेल-खेल में इसकी विज्ञान के सभी पहलुओं को समझ रहे हैं। 28 फरवरी 24 को विज्ञान दिवस पर यह प्रदर्शनी रखी गई। बच्चों ने गुब्बारे वाली कार बनाने का जब विषय मिला तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। हर जगह से वो तस्वीर सामने आई, जहां विद्यालयों में चटक रंगी छटा बिखरने लगी।
प्रधान पाठक प्रियंका कहती हैं कि -इस तरह के आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में जब होते हैं तो इसका बेहतरीन परिणाम देखने को मिलता है। वहीं, शिक्षिका चन्द्रकांति स्वर्णकार एवं रेखा यादव ने कहा कि – बच्चों की प्रतिभा देखते ही निखर रही थी कबाड़ से इतने बेहतरीन जुगाड़ बनाए गए। सारिका यादव,नन्दनी बरेठ, वंदना मुंडा,धारा सिदार, मुस्कान सिदार,रिषभ माली, पुनीत मालाकार, सिद्धि यादव,तानिया कुम्हार आदि विद्यार्थियों की सहभागिता रही। शाप्रा शाला बुटीपारा के बच्चे जूनियर वैज्ञानिक बने हुए हैं। संकुल समन्वयक ज्योति प्रकाश खेस्स ने सतत आगे बढ़ते रहने हेतु बधाई प्रेषित की हैं।