गौरेला पेण्ड्रा मरवाही / केन्द्र की तरह 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के मुताबिक गृहभाड़ा भत्ता की मांग कर रहे जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के 32 संगठनों के कर्मचारियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्रशासन को सौंपकर 3 दिवसीय हड़ताल खत्म कर दिया। धरना स्थल पर पहुंचे एक हजार से अधिक कर्मचारियों की रैली निकालने की तैयारी थी परंतु प्रशासन ने अनुमति नहीं दिया।
महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 32 संगठनों के अधिकारी और कर्मचारी 3 दिन हड़ताल करके खाली हाथ वापस लौट गए। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेश में इतने बड़े हड़ताल के बावजूद शासन प्रशासन के द्वारा संघर्ष मोर्चा के संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया और ना ही शासन की तरफ से महंगाई भत्ता के संबंध में कोई घोषणा हुई जिससे खाली हाथ लौटे कर्मचारियों की शासन से नाराजगी और बढ़ गई है तथा आने वाले समय में इससे भी बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि महंगाई भत्ता कर्मचारियों का अधिकार है जिसे बिना मांगे छत्तीसगढ़ सरकार को दे देना चाहिए था, लेकिन कई बार मांग करने के बावजूद भी सरकार हठधर्मिता करते हुए कर्मचारियों की मांग को अनसुना कर रही है और उन्हें उनके अधिकार से वंचित रख रही है। जहां एक ओर केंद्रीय कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है वहीं दूसरी ओर भारत देश का एकमात्र राज्य छत्तीसगढ़ जहां के कर्मचारियों को देश में सबसे कम व केंद्रीय कर्मचारियों से आधा सिर्फ 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जिससे बढ़ती हुई महंगाई में कर्मचारियों की माली स्थिति खराब होती जा रही है इसलिए कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर 3 दिन आकस्मिक अवकाश लेकर हड़ताल किया, लेकिन इतने बड़े हड़ताल के बाद सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगा। यही कारण है कि इस हड़ताल के बाद कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी और बढ़ गई है। कार्यक्रम का संचालन बलराम सिंह ने किया।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से शिक्षक कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष राहुल जायसवाल, टीचर्स एसोसिएशन जिलाध्यक्ष मुकेश कोरी, सत्य नारायण जायसवाल, संजय नामदेव, राकेश चौधरी, तरुण नामदेव, सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिला संरक्षक जितेंद्र शुक्ला, संयोजक पीयूष गुप्ता व शरद ताम्रकार, जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, जिला प्रवक्ता अजय चौधरी, बलराम तिवारी, ब्लाक अध्यक्ष मोहन मिश्रा, ओम प्रकाश सोनवानी, दिनेश राठौर, एनपी शुक्ला, रश्मि नामदेव, राजकुमारी सोनी, मीना शर्मा, मनीष गुप्ता, लक्ष्मी शंकर गुप्ता, सूरज सिंह बिसेन, सिद्धार्थ गुप्ता, बनमाली वासुदेव, पुष्पलता तिवारी, स्मिता गोवर्धन, सावित्री लकड़ा, खेलनवती वाकरे, किरण रघुवंशी, प्रमोद पांडे, बलराम सिंह, रामानंद गौतम, फैजान सिद्दीकी, पीएस सरोठे, बृजेंद्र सिंह, आधार सिंह, जीएस सिंह, मनोज तिवारी, भीष्म त्रिपाठी, प्रशांत शर्मा, प्रभाकर सिंह, विनीता त्रिपाठी, जीमत देवांगन, पूनम मनहर, शांति ओट्टी, पूर्णिमा सूर्यवंशी, संध्या राय, संध्या चौहान, ममता राठौर, नीता पुरी, मीना मरावी, कैलाश लदेर, राजेश चौधरी, विनोद मिश्रा, योगेंद्र साहू, संजय साहू, राकेश मोर्चे, विपिन अग्रहरि, विक्रम भदोरिया, सुनील सोनी, संजय केवट, घनश्याम केवट, अनिल कुर्मी, परसराम चौधरी, छोटेलाल बनवासी, मनोज सोनी, भागीलाल केवट, मोतीराम चौधरी, अतुल तिवारी, तुलसी राठौर, दिलीप राठौर, दुलेश यादव, विजय साहू, धर्मेंद्र गोयल, रामाधार यादव, संतोष सोनी, परमानंद टंडन, चंदूलाल सिंगरौल, लखन लाल साहू, योगेश राजपूत, बृजेंद्र चौहान, मोतीलाल राठौर, रेवाराम घृतेश, विनय प्रताप राठौर, उमा घृतेश, नरेंद्र पैकरा, अनुज पैकरा, नरेंद्र विश्वकर्मा इत्यादि सहित एक हजार से अधिक कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।