Chhattisgarh News :- कई बार इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिसकी वजह से वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं. आपने अक्सर सड़कों पर ऐसे लोगों को देखा होगा. ये भीख मांगकर या यूं ही सड़कों पर लेटकर, डस्टबिन से खाना जमा कर अपनी जिंदगी काटते हैं.
वहीं, आम लोग इन्हें देखते तो हैं लेकिन सहानुभूति जताने के अलावा कुछ और नहीं करते. पिछले सात सालों से छत्तीसगढ़ के तिल्दा में रहने वाले लोग ऐसी ही एक महिला को देख रहे थे. तिल्दा की सड़कों पर भटकती ये महिला सात साल से यूं ही घूमती थी. उसके बदन पर कपड़े नहीं थे. जब कोई उसे कपड़े पहनाने की कोशिश करता तो वो आक्रामक हो उठती थी. इसके अलावा वो दिए गए खाने को मिट्टी में मिला कर खाती थी. हाल ही में एक एनजीओ को इस महिला की जानकारी मिली. उन्होंने काफी प्रयास के बाद इस महिला का कायाकल्प कर दिया.यूं घूमती थी सड़कों पर।
हालांकि, महिला पिछले सात सालों से सड़क पर रह रही थी. मानसिक संतुलन खो बैठने की वजह से वो बिना कपड़ों के ही घूमती थी. जब उसे कपड़े पहनाने की कोशिश की जाती तो वो आक्रामक हो जाती थी. ऐसे में किसी ने इसकी जानकारी एक एनजीओ को दी. एनजीओ के सदस्य जबरदस्ती महिला को अपने साथ ले जाते नजर आए. उससे पहले उन्होंने महिला को काफी प्रयास के बाद एक तौलिया लपेटा गया. उसके बाद महिला को गाड़ी में बिठाकर ले गए.
बदल दी काया
फिलहाल एनजीओ में ले जाने के बाद महिला को नहलाया गया. उसके बालों को शेव कर दिया गया क्यूंकि इतने सालों में जमी गंदगी की वजह से बाल संवारने लायक नहीं थे. महिला खुद को डूमरपाली गांव का बता रही है. अपनी बदली काया देखने के बाद महिला ने एनजीओ वालो को शुक्रिया किया. महिला की बदली पर्सनालिटी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लोग एनजीओ के इस सराहनीय कदम की काफी तारीफ़ कर रहे हैं.
—–>>०>0<०<<—–
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर