जशपुर सन्ना:- छत्तीसगढ़ राज्य का सीमावर्ती जिला जशपुर और जशपुर जिले का सबसे खुबसूरत विकासखण्ड बगीचा !
विकासखण्ड बगीचा का नई नवेली तहसील सन्ना जिसे पाठक्षेत्र का हृदय स्थल कहा जाता है !
विगत कुछ वर्षों से पाठक्षेत्र में शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा की बात सुनना या देखना अब आम बात हो गई है , आए दिन समाचार माध्यमों में खबरें छपती रहती हैं कि फलाने ग्राम पंचायत में वनभुमी पर बेजा कब्जा तो चिलाने ग्राम पंचायत में शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा ,अब ऐसे खबरों से सन्ना कैसे अछुता रह सकता है !
बेजा कब्जा के ख़बरों की कड़ी में आज एक खबर और जुड़ गई है , प्राप्त जानकारी के अनुसार सन्ना निवासी मुकेश गुप्ता पिता रामप्यारे प्रसाद गुप्ता के द्वारा कलेक्टर जशपुर के जनदर्शन में एक लिखीत आवेदन दी गई है जिसमें उन्होंने शासकीय भूमि घासमद में किए गए बेजा कब्जा को हटवाने की मांग की है !
कलेक्टर महोदय को दिए आवेदन में मुकेश गुप्ता ने बताया है कि कुछ लोगों के द्वारा सन्ना ग्राम पंचायत क्षेत्र की शासकीय भूमि घासमद खसरा नंबर 1744 में बेजा कब्जा कर मकान का निर्माण करा लिया गया है !
मुकेश कुमार गुप्ता ने एक सच्चे भारतीय नागरिक होने का फर्ज़ निभाते हुए आवेदन में लिखा है कि सन्ना तहसील कार्यालय तथा ग्राम पंचायत भवन से लगे हुए घासमद की शासकीय भूमि जिसका खसरा नंबर 1744 है , उसी शासकीय भूमि से लगी हुई मुकेश गुप्ता के स्वामित्व की भुमि जिसका खसरा नंबर 1138/18 है !
आवेदन में बताया गया है कि शासकीय भूमि (घास मद) खसरा नंबर 1744 में अमल राय पिता स्व.कमल राय को पट्टा प्रदान किया गया है साथ ही अन्य लोगों को भी पट्टा प्रदान किया गया है जो कि सिरे से ही ग़लत है !
मुकेश कुमार गुप्ता के कथन अनुसार बेजा कब्जा करने वालों ने शासकीय भूमि घास मद खसरा नंबर 1744 से लगे हुए मुकेश गुप्ता के स्वामित्व की भुमि जिसका खसरा नंबर 1138/18 है उक्त भूमि पर भी अवैध कब्जा कर रखा है जहां से कब्जा हटवाने का निवेदन मुकेश गुप्ता ने कलेक्टर महोदय से दिनांक 15/02/022 को भी लिखीत आवेदन देकर किया है जिसमें श्री गुप्ता ने बताया है कि उक्त कब्जाधारियों के विरुद्ध शासकीय भूमि से अवैध बेजा कब्जा हटाने के लिए तहसीलदार बगीचा के द्वारा साल 2014/015 में आदेश क्रमांक रा.प्र.क्र.-81/अ-68/2014/015 पारित किया गया था परन्तु उक्त व्यक्तियों की तगड़ी राजनितिक पकड़ के चलते मामला लम्बित हो गया है !
जब ईस संबंध में हमने आवेदन कर्ता मुकेश गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि ईस तरह के शासकीय भूमि पर अवैध बेजा कब्जा ग्राम पंचायत सन्ना के उन्नति में बाधक है क्योंकि जब सन्ना में किसी भी प्रकार का कोई सरकारी प्रतिष्ठान या भवन निर्माण का कार्य शुरू होना होता है तो शासकीय भूमि की कमी सामने आ जाती है क्योंकि शासकीय भूमि पर तो रसुखदार दबंगों का कब्जा होता है!
उन्होंने बताया कि विगत कुछ महीनों पहले सन्ना में तहसील कार्यालय भवन निर्माण के लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों के द्वारा भुमि चिन्हांकित किया जाना था पर शासकीय भूमि की कमी के कारण तहसील कार्यालय भवन का निर्माण सन्ना बस स्टैंड से लगभग 2 किलोमीटर दूर “बांसाटोली टोंगरी” के पास कराया जा रहा है जिससे तहसील कार्यालय आने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी होगी !
मुकेश गुप्ता ने बताया कि जिला कलेक्टर श्री रितेश अग्रवाल के द्वारा उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच करा कर उनके द्वारा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी जिसके लिए कलेक्टर महोदय ने एसडीएम बगीचा को निर्देशित कर दिया है !
मुकेश गुप्ता के द्वारा हमें अमल राय पिता स्व.कमल राय को प्रदान किए गए पट्टा की छाया प्रति उपलब्ध कराई गई है जिसके अध्ययन करने पर कई त्रुटियां सामने आई हैं जैसे 22/05/020 को तहसीलदार बगीचा के द्वारा अमल राय को बेजा कब्जा हटाने के संबंध में 1000रु. का जुर्माना किया गया तथा बेजा कब्जा हटाने का आदेश दिया गया था, अब मजे बात यह है कि लगभग तीन महीनों बाद दिनांक
20/08/020 को अमल राय पिता स्व.कमल राय को उक्त भूमि का पट्टा एवं किसान किताब प्रदान किया गया है !
अब सोचने वाली बात यह है कि जिस शासकीय भूमि से बेजा कब्जा हटाने के लिए कब्जा धारी से जुर्माना लिया गया था उसी शासकीय भूमि को मात्र तीन महीनों में ही कैसे निजी बनाकर उक्त व्यक्ति को भुमि स्वामी होने का पट्टा तथा किसान किताब प्रदान किया गया !
बहरहाल इस तरह के फर्जीवाड़े में संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों पर तो जांच के बाद जिले के यशस्वी कलेक्टर महोदय कार्यवाही करेंगे ही , पर इस तरह के फर्जीवाड़े को उजागर करने का जिम्मा सिर्फ मुकेश गुप्ता जैसे जागरूक नागरिकों का जिम्मा है या आम जनमानस को भी ऐसे मामलों पर आवाज उठाना चाहिए क्योंकि सन्ना यदि उन्नति करता है तो उसका फायदा सिर्फ मुकेश गुप्ता को मिलेगा या पुरे सन्ना क्षेत्रवासियों को ……. सोचिएगा जरुर दूसरी बात यह भी आपको बता दें कि अगर इस मामले पर बारीकी से जांच हुई तो और भी कई मामले सामने आ सकते हैं । बाकी प्रशासन की मर्जी😊