नई दिल्ली :- केंद्र सरकार ने रोड एक्सीडेंट के शिकार हुए लोगों को कैशलेस इलाज प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार की है. चंडीगढ़ तथा असम में पायलट आधार पर इसका कार्यान्वयन शुरू किया गया है.
हालांकि, इसके बारे में गुरुवार को संसद में जानकारी दी गई. लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिनों के समय के लिए 1.5 लाख रुपये तक के ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल से संबंधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं.
वहीं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से किसी भी तरह की सड़क पर गाड़ियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार देने के लिए एक योजना तैयार की है. चंडीगढ़ तथा असम में पायलट आधार पर इसका कार्यान्वयन शुरू किया गया है.
दरअसल, नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय की इस योजना को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164बी के तहत गठित मोटर वाहन दुर्घटना कोष के तहत प्रशासित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आय के स्रोत और उसके उपयोग को केंद्रीय मोटर वाहन (मोटर वाहन दुर्घटना कोष) नियम, 2022 के तहत प्रदान किया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एनएचए, स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के समन्वय में कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं.
फिलहाल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गाड़ियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस इलाज के लिए चंडीगढ़ और असम में शुरू किया गया पायलट कार्यक्रम, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत अधिदेश को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं की घटना के स्थान की परवाह किए बिना सहायता प्रदान करता है.
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर