2. गौरेला पेण्ड्रा कोटमी मरवाही तहसील के विप्रजन भगवान परशुराम पूजन व शोभायात्रा में शामिल होकर अपनी एकजुटता दिखाई ।शोभायात्रा में मरवाही विधायक के.के.ध्रुव सहित जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता शामिल रहे।
3.सर्व ब्राह्मण परिषद् के तत्वाधान में गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में मनाया गया भगवान परशुराम जन्मोत्सव
4.भगवान परशुराम की आकर्षक झाँकी व शोभायात्रा में शामिल होकर भक्तों ने भण्डारा प्रसाद ग्रहण किया
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही:- अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सर्व ब्राह्मण समाज “परिषद्” गौरेला पेण्ड्रा मरवाही ने जिले में भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव पूजन धूमधाम के साथ मनाया वहीं श्रीराम मंदिर पुरानी बस्ती पेण्ड्रा से प्रारम्भ कर नगर में भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।श्रीराम मंदिर में सभी भक्तों ने भगवान परशुराम का पूजन करके हवन किया प्रमुख यजमान में जिले की ओर से कृष्णाकर मिश्रा,एन.एन. तिवारी प्राचार्य रहे।
शोभायात्रा के दौरान भगवान परशुराम जी की झाँकी पूरे नगर में आकर्षण का केन्द्र रहा साथ ही नगर के धर्मध्वज वाहक धर्मप्रेमी श्रद्धालु भक्तजनों द्वारा शोभायात्रा का जगह जगह स्वागत किया गया और सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय की कामना से शांति सौहाद्रपूर्ण भव्य उत्सव में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सर्व धर्म समभाव रखकर आपसी प्रेम भाईचारे की भावना का संदेश दिया वहीं सर्व वर्ग सर्व जन सर्व धर्म के प्रति निष्ठा भाव रख कर देश के सुख शांति समृद्धि सफलता की कामना की।शोभायात्रा के बीच नगर के पवन सुल्तानिया,राकेश शर्मा एल्डर मेन,चंदन मिश्रा, राकेश जालान नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा ठंडा ,कुल्फी शरबत फ्रूटी पिलाकर भक्तों का स्वागत किया गया।
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण गत कुछ वर्षों से सार्वजनिक स्तर पर कार्यक्रम नहीं हो पाया था जिसे लेकर इस बार जिले में ब्राह्मण समाज ने अपनी एकजुटता दिखाई और विधिवत शासन प्रशासन को अवगत कराकर नगर में विशाल शोभायात्रा निकालने की अनुमति ली थी वहीं शासन प्रशासन भी एक ही दिन दो समुदाय वर्ग विशेष का त्यौहार होने के कारण अमन शान्ति सौहाद्रपूर्ण व अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए चुस्त दुरुस्त नजर आई।
जिला स्तर पर आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव पूजन व शोभायात्रा कार्यक्रम में पेण्ड्रा तहसील,गौरेला तहसील,सकोला(कोटमी)तहसील व मरवाही तहसील के समस्त विप्रजन शामिल होकर भगवान परशुराम की जय जयकार करते नजर आये। इस बीच नगर में जगह जगह आतिशबाजी की गई और जमदग्नि के वीरकुमार परशुराम की जय जयकार से पेण्ड्रा नगर गूँज उठा।
सर्व ब्राह्मण परिषद के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में ब्राह्मण अपनी पारम्परिक वेशभूषा में नजर आये वहीं युवावर्ग में एक विशेष उत्साह देखने को मिल रहा था।इस उत्सव में महिलाएँ बच्चे भी अपनी संस्कृति धर्म को लेकर समाज में अपनी विशेष पहचान बना रही थीं।शोभायात्रा के दौरान ही मरवाही विधायक के.के.ध्रुव एवं जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता,शुभम गुप्ता,के.डी. मिश्रा जी शामिल होकर उत्साहवर्धन करते हुए परशुराम जन्मोत्सव की बधाई दिए।
ब्राह्मणों ने इस कार्यक्रम को आगामी वर्षों में और अधिक भव्य दिव्य करने का निर्णय लिया है जिससे समाज का हर व्यक्ति ,ग्राम स्तर का विप्र परिवार ऐसे पुनीत कार्यक्रमों का साक्षी बन कर धर्म ध्वजा लहराते नजर आये इसके साथ ही समाज के लोगों के लिए समय समय पर सार्वजनिक रूप से उपनयन संस्कार,उत्सव विशेष,परिचय सम्मेलन आदि समाज के बीच पहल करने की बात कही गई।
ब्राह्मण समाज द्वारा विशेष भण्डारा प्रसाद का आयोजन किया गया था जिसमें सभी सामाजिक स्वजन ब्राह्मण परिवार और नगर के श्रद्धालु भक्तों ने भगवान का प्रसाद ग्रहण किया
समाज के वरिष्ठ संरक्षक रामनिवास तिवारी,कृष्णा पाण्डेय, राजेन्द्र पाण्डेय,शिवनारायण तिवारी तिवारी,राकेश चतुर्वेदी(पेण्ड्रा) सतीश शर्मा,हरवंश पाण्डेय
(सकोला)कामता शर्मा (सिवनी)इन्द्रपाल तिवारी,टण्डन राम तिवारी(मरवाही)ज्ञानेन्द्र उपाध्याय (गौरेला)सहित पवन त्रिपाठी,आदित्य पाण्डेय,पंकज तिवारी,आलोक तिवारी, उज्ज्वल तिवारी,देवेन्द्र मिश्रा(पेण्ड्रा)कृष्णा तिवारी,राजेश शर्मा,जितेंन्द्र शुक्ला, बलराम तिवारी, सुनील शुक्ला(कोटमी)मोहन मिश्रा,धर्मेन्द्र पाण्डेय,गोवर्धन तिवारी, नारायण शर्मा,(मरवाही)दीपक शर्मा,मुकेश शर्मा,कृष्णदत्त मिश्रा,जयदत्त त्रिपाठी (सिवनी) ने संयुक्त रूप से कहा है कि ब्राह्मणों ने अक्षय तृतीया पर्व तथा धर्म संस्कार के महत्व को समझा है महर्षि परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था जो भगवान विष्णु के छठवें अवतार हैं। द्रोपदी महारानी को चीरहरण से भगवान कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया तथा माँ गंगा का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था।इसके साथ ही कृष्णा सुदामा का मिलन,कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिलना,सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ ,ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था तथा महाभारत संग्राम का समापन भी इस दिन विशेष में हुआ था।अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध मुहूर्त है इस दिन कोई भी शुभ कार्य को प्रारम्भ किया जा सकता है।
पिता जमदग्नि और माता रेणुका ने अपने पाँचवें पुत्र का नाम राम ही रखा था,लेकिन तपस्या के बल पर भगवान शिव को प्रसन्न करके उनके दिव्य अस्त्र परशु(फरसा कुठार) प्राप्त करने के कारण वे राम से परशुराम हो गए।परशु प्राप्त किया गया शिव से भगवान शिव संहार के देवता हैं।राम प्रतीक हैं विष्णु के भगवान विष्णु पोषण के देवता हैं।परशुराम भगवान परशु के रूप में शस्त्र और राम के रूप में शास्त्र का प्रतीक है।परशुराम शस्त्र और शास्त्र के समन्वय का नाम है वे अक्षय तृतीया को जन्मे हैं इसलिए उनकी शस्त्रशक्ति भी अक्षय है और शास्त्र संपदा भी अनंत है।अक्षय तृतीया का प्रसिद्ध पर्व भी इसी दिन मनाया जाता है भगवान परशुराम वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन अवतरित हुए भगवान विष्णु के छठवें अवतार थे। इन्हें विष्णु का आवेशावतार भी कहा जाता है क्योंकि इनके क्रोध की कोई सीमा नहीं थी।
परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम व शोभायात्रा का समापन अंजनी वाटिका हनुमान मंदिर में किया गया जहाँ सभी भक्तों के लिए भोजन भण्डारा प्रसाद की व्यवस्था समाज की ओर से की गई थी।इस अवसर पर सिवनी,मरवाही,कोटमी,पेण्ड्रा,गौरेला परिक्षेत्र से समाज के सभी ब्राह्मणों का सहयोग और उपस्थिति सराहनीय रहा।
जीपीएम से कृष्ण पांडेय की खबर