Chhattisgarh News/बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से चौंकाने वाली खबर है. यहां स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण 100 बिस्तरों वाला अस्पताल लापरवाही की भेंट चढ़ गया है. यहां स्वास्थ्य विभाग और राजनीतिक दल मरीजों को लेकर गंभीर नहीं है.
वहीं, चौंकाने वाले इस मामले में साल 2018 में तैयार ये अस्पताल राजनीति की भेंट चढ़ गया. अब आलम यह है कि साल 2024 में भी इसका उद्घाटन नहीं हो सका है. दूसरी ओर, यहां असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया है. यह बिल्डिंग पूरी तरह खंडहर में बदल गई है. अस्पताल की जगह तबेला बन गया है.
दरअसल, इस अस्पताल को छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने बनाया था. उस वक्त बीजेपी की सरकार थी. मस्तूरी विधानसभा के सीपत में बने इस अस्पताल की लागत 8 करोड़ रुपए है. 100 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के लिए स्वीकृति साल 2016 में मिली थी. उसके बाद इसे साल 2018 पूरी तरह तैयार कर दिया गया. लेकिन, इस बीच राज्य की सरकार बदल गई. सरकार बदलने के साथ ही यह अस्पताल राजनीति और सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गया.
खंडहर बन गई इमारत
फिलहाल, 6 साल से उद्घाटन का इंतजार कर रहा हॉस्पिटल अब खंडहर बन गया है. दरवाजे, खिड़कियां और अन्य जरूरी सामान लुटेरे लूट चुके हैं. इस अस्पताल को इसलिए बनवाया गया था ताकि गांववालों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए दूर-दराज के अस्पतालों में न जाना पड़े. लेकिन, वे इसके लिए मजबूर हैं. यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय हालत और सरकारी तंत्र की उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े करती है. एक ओर जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर यह अस्पताल बिना उपयोग के बर्बाद हो रहा है.
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर