Chhattisgarh Crime News/अंबिकापुर : सरगुजा जिले के अंबिकापुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सरईटिकरा निवासी ईश्वर राजवाड़े (वाहन चालक) की राजधानी रायपुर में चाकू से गोदकर हत्या कर दिए जाने से गांव में शोक व आक्रोश का माहौल है।
बता दें, गांववालों ने प्रकरण की सुनवाई अंबिकापुर न्यायालय में करने तथा आरोपितों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। मंगलवार को ग्राम पंचायत सरईटिकरा के ग्रामीण बड़ी संख्या में अंबिकापुर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर सरगुजा से मुलाकात कर अपनी भावनाएं व्यक्त की। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवक की मौत से उतपन्न परेशानियों से भी अवगत कराया। मृतक ईश्वर राजवाड़े दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत था। गांववालों का कहना है कि घटना रायपुर में हुई है। आरोपित शातिर बदमाश है।
वहीं, प्रकरण की सुनवाई यदि रायपुर न्यायालय में हुई तो पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं रहेगी। इसलिए प्रकरण को अंबिकापुर सत्र न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए। यहां पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुनवाई में बिना किसी डर , भय के अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। बता दें कि रविवार रात रायपुर के तेलीबांधा के समीप ईश्वर राजवाड़े की चाकू से वार कर हत्या कर दी गई थी।
गांववालों ने यह मांगें रखी
१- मृतक की पत्नी को अनुकंपा
२- तात्कालिक आर्थिक सहायता के रूप में दो लाख की मदद
३- सत्र प्रकरण का अंबिकापुर न्यायालय में स्थानांतरण
४- आरोपितों को फांसी की सजा
बिलासपुर रोड में करेंगे अनशन
दरअसल, ग्राम पंचायत सरईटिकरा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि मृतक के परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे रह गए हैं। उनके समक्ष जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। यदि तीन दिन के भीतर मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया तो गांववाले अंबिकापुर- बिलासपुर मुख्य मार्ग पर राइस मिल के समीप अनशन करेंगे। इसकी कोई भी जवाबदारी ग्राम पंचायत की नहीं रहेगी।
आरोप : पुलिस पेट्रोलिंग वाहन ने नहीं पहुंचाया अस्पताल
फिलहाल, सरईटिकरा के ग्रामीणों ने बताया कि चाकू के वार से गंभीर रूप से जख्मी ईश्वर राजवाड़े को समय पर उपचार सुविधा नहीं मिली। घटना पश्चात रात्रिकालीन पुलिस पेट्रोलिंग वाहन घटना स्थल पर पहुंची थी लेकिन ईश्वर को घटनास्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती नहीं किया। यह पुलिस के संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। तब मृतक के दोस्त विवेक ने एंबुलेंस के लिए काल किया।एंबुलेंस भी घटना के आधे घंटे के पश्चात घटनास्थल पर पहुंचा। विलंब होने के कारण ईश्वर की मौत हो गई। यदि समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरा घटनाक्रम रायपुर पुलिस प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही को इंगित करता है।
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर