जशपुर,सन्ना:- जशपुर जिले के आदिवासी,पहाड़ी कोरवा बाहुल्य सुदूर वनांचल खुड़िया क्षेत्र खबर निकल कर आई है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्ना में व्यवस्था इस कदर बद से बत्तर है कि यहां बिजली गुल होने पर यहां के भर्ती मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है तो दूसरे तरफ भर्ती हुए कुछ मरीजों को तो भोजन तक नहीं मिलता और रात भर भूखे सोने को मजबूर रहते हैं मरीज और उनके साथ आए अटेंडर यह बात हम इस कारण बता रहे हैं
क्योंकि बीते रात जब हम अचानक से सन्ना हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां सबसे पहले तो देखे कि स्वास्थ्य विभाग घनघोर अंधेरे के साए में है।वहीं जब अंदर सामान्य वार्ड में गए तो हमने देखा कि एक बुजुर्ग महिला जो अपने बुजुर्ग पति का इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती थे।हमने उनसे पूछा उनका क्या नाम है तो उन्होंने बताया कि रामलाल राम उनके पति हैं जिनका उम्र लगभग 75 वर्ष है जिनका तबियत बिगड़ने पर उन्हें लगभग 3 बजे हॉस्पिटल लाए हैं।हमने पूछा इलाज तो ठीक हुआ ना तो उन्होंने कहा उनका इलाज तो ठीक हो रहा है,परंतु जब हमने पूछा कि रात के दस बज गए हैं कुछ खाए तो उन्होंने कहा नहीं खाए हैं
हॉस्पिटल से भी नहीं दिए हैं कुछ खाने को।वहीं दूसरे तरफ अपनी पत्नी का डिलीवरी कराने हॉस्पिटल में आए लोढ़ेना गांव के युवक ने बताया कि अभी लाइट गुल हुआ था तो उन्हें मोबाइल जला कर हॉस्पिटल में बैठना पड़ा था।
जब हमने पता किया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्ना में सरकार के लाखों रुपए से लगाया गया इमरजेंसी सोलर सिस्टम कहां है तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वह काफी दिनों से खराब पडा है।
खैर ये तो बात हुई यहां की व्यवस्था की। दूसरी बात आदिवासी,पहाड़ी कोरवा बाहुल्य वाला इतना बड़ा खुड़िया क्षेत्र में एक मात्र हॉस्पिटल है और उसकी व्यवस्था भी इस तरह का है तो सोचिए यहां के ग्रामीणों को कैसी चिकित्सीय सेवा मिलती होगी?
यहां जब हमने पता किया तो सबसे खास बात यह पता चला कि सन्ना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में M.O की तो पदस्थापना पूर्व से ही है परंतु इस सन्ना स्वास्थ्य केंद्र का प्रभारी उनसे छोटे पद वाले R.M.O को सौंप दिया गया है यही कारण है कि सन्ना स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था लचर है और आए दिन व्यवस्था को लेकर अनेकों सवाल उठते रहते हैं।बहरहाल यहां के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारना अति आवश्यक है ताकि क्षेत्र के बहुतायत पहाड़ी कोरवा,आदिवासी,ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सीय सेवा मिल सकें।
आपको बता दें आदिवासियों के विकास के लिए मंगलवार को मयाली नेचर कैंप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की बड़ी बैठक सम्पन्न हुई है ।