लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का बजट झूठे सपने दिखाने वाला है। जमीनी हकीकत जबकि कुछ और है। यह किसानों को धोखा देने वाला बजट है। समाजवादी सरकार ने जो काम किए थे भाजपा उनको अपना बताकर काम चला रही है। 2022-2023 का सरकार जो बजट लाई है वह उसे खर्च भी कर पाएगी इसमें संदेह है।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था किसानों से जुड़ी है। किसानों की आय दुगनी करने की बात भाजपा ने अपने 2017 के संकल्प पत्र में कही थी। सन् 2022 तक संकल्प पूरा करने का वादा भी था पर इस पर सरकार चुप है। इस बार तो कृषि क्षेत्र में कम बजट दिया गया है। गेहूं-धान की फसल की एमएसपी दरों पर खरीद नहीं हुई। टमाटर आलू प्याज की फसलों को कोई मदद नहीं मिली। आलू किसानों को जेल भेजा गया है। आखिर बताएं कि किसान अपना आलू कहां लाकर बेचेंगा? समाजवादी सरकार में मंडियों की व्यवस्था पर ध्यान दिया गया था भाजपा राज में मंडियां कहां बची?
सरकार बताए किसानों का गन्ना बकाया कितना बाकी रह गया है। सरकार सहकारी मिलों का भुगतान बताती है किन्तु प्राइवेट मिलों का क्या होगा? उन्होंने कहा महंगाई रोकना सरकार के बस में नहीं है। सरिया, गिट्टी, बालू, मौरंग सभी निर्माण सामग्रियों के दाम बढ़ गए हैं। सरसों तेल, पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, बिजली, के दाम बढ़े हैं। कहा गया था नोटबंदी से भ्रष्टाचार मिटेगा। कालाधन समाप्त होगा। ऐसा कुछ तो हुआ नहीं। सरकारी रिपोर्ट है कि 500 और 2 हजार के 50 प्रतिशत जाली नोट बाजार में आ गए हैं। केन्द्र सरकार अब जीएसटी की प्रतिपूर्ति भी बंद करने जा रही है। तब बजट में आय-व्यय का अंतर कैसे पूरा होगा?
यादव ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय की कमी है। करोड़ों की एक्सपायरी दवाएं पड़ी है। नीति आयोग की रिपोर्ट है कि शिक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश नीचे से चौथे नम्बर पर है। प्राइमरी स्कूलों में ठीक से पढ़ाई नहीं हो रही है। बच्चों के लिए मिड-डे-मील की व्यवस्था हेतु अक्षयपात्र लाए थे। वाराणसी और अन्य जनपदों में यह व्यवस्था भाजपा नहीं चला पाई है। बच्चों को थाली ग्लास दिए जाने थे, वे कहां गए? हफ्ते में एक दिन फल और दूध देने की व्यवस्था भी नहीं चल रही है। बच्चों को स्वेटर और किताबें तक नहीं मिली हैं।
70 लाख नौकरी देने का वादा भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किया था। इनका विवरण नहीं दिया जाता है। निवेश के लिए तमाम एमओयू शाइन हुए थे, बताया जा रहा है कि कई चरणों में 3 लाख करोड़ रूपये के निवेश पर काम हो रहा है। सरकार बताए कि अब किस चरण में काम हो रहा है? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने स्वच्छ भारत का सपना दिखाया पर हर जगह गंदगी फैली है। स्मार्ट सिटी में समाजवादी सरकार के कामों को हटा दें तो क्या बचेगा?
अखिलेश यादव ने कहा डेयरी डेवलपमेंट की दिशा में समाजवादी सरकार में बहुत काम हुए थे। पराग प्रदेश की संस्था है उसमें निवेश भाजपा सरकार ने रोक दिया। कन्नौज में काऊ मिल्क प्लांट लगा। भाजपा राज में गायों की संख्या कम होती जा रही है। गौ-आश्रय स्थलों में गायें भुखमरी का शिकार हो रही है।
यादव ने कहा कि पांच साल में 18 हजार करोड़ का बजट आया लेकिन सड़के गड्ढ़ा मुक्त नहीं हो सकी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर मेराज, हरकुलिस विमान उतार दिए लेकिन गड्ढा नहीं हुआ। भाजपा सरकार वादा करके लैपटॉप नहीं दे पाई। एससी-एसटी कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं में गिरावट आई है। बिजली के उत्पादन, वितरण, पारेषण में सुधार के लिए कुछ नहीं हुआ। विभाग 70 हजार करोड़ के घाटे में कैसे हुआ जबकि समाजवादी सरकार में बैलेंस सीट क्लीयर करके दी थी। विकास का सबसे मुख्य कारक बिजली है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते हाउसिंग सेक्टर बर्बाद हो गया। इटावा में लॉयन सफारी की उपेक्षा की जा रही है। कन्नौज इत्र का व्यापार एवं निर्माण का केन्द्र है। समाजवादी सरकार में इत्र म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव था। सैफई और लखनऊ में नए मॉडल के प्राइमरी स्कूल बने। केन्द्र से 3 सैनिक स्कूल मिले थे जो समाजवादी सरकार ने अमेठी, मैनपुरी और झांसी में स्थापित किए थे। भाजपा सरकार ने एक भी राज्य में सैनिक स्कूल नहीं बनाया। सरकार 35 करोड़ वृक्ष लगाने का दावा करती है। इतने पेड़ कहां लगेंगे? उन्होंने कहा डिफेंस कॉरिडोर कैसे बनेगा? यह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से हटकर बना है वहां बिजली, पानी, सड़क के अभाव में कौन उद्योगपति निवेश करेगा?
मुम्बई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे बन रहा है उसमें उत्तर प्रदेश को नहीं जोड़ा गया। गंगा एक्सप्रेस-वे को केन्द्र से मदद मिलनी चाहिए। एयरपोर्ट बनाने में समाजवादी सरकार ने रूचि ली थी। कुशीनगर, आजमगढ़ में एयरपोर्ट समाजवादी सरकार में बने। यह सरकार न जाने कब बन रहे नए एयरपोर्ट बेच दे। सरकार वन नेशन, वन उद्योगपति की नीति पर चल रही है। अयोध्या में एयरपोर्ट अभी तक नहीं बना। किसानों को ली गई जमीन के मुआवजे में छः गुना ज्यादा दीजिए। नदियों की सफाई के बारे में उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना पर काफी खर्च आया है पर गंगा साफ नहीं हुई? जब तक वरुणा, काली और यमुना नदी साफ नहीं होती, नदी में गिरने वाले नाले बंद नहीं होते तब तक गंगा साफ नहीं होेंगी। लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट बना समाजवादी सरकार में बना है जो गुजरात के साबरमती रिवरफ्रंट से बेहतर है।
श्री यादव ने कहा कि बसों में गरीब जनता चलती है। आज बसों की दुर्दशा यह है कि यात्रियों को खटारा बसो में चलना पड़ रहा है। ज्यादातर बसे धक्का लगाने से चलती है। समाजवादी पेंशन गरीबों, बेसहारा महिलाओं के लिए थी उसे भी भाजपा सरकार ने रोक दिया। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की जगह ईज ऑफ डूइंग क्राइम हो गया। दूसरों पर आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री देख लें अपने लोगों का व्यवहार, वे कैसी गुंडई कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने पुरानी पेंशन बहाली, डीए घोषित करने, नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करने, आउटसोर्स भर्तियां बंद करने तथा शिक्षक भर्ती सहित अन्य भर्तियों को शीघ्र पूरी करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पिछड़ों से वोट लेना चाहती है। उन्हें उनकी संख्या के अनुसार सम्मान और भागीदारी नहीं देना चाहती है। जाति जनगणना कराने में क्या दिक्कत है? समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ती रहेगी।
कहा कि ‘समाजवाद‘ शब्द तो भारत के संविधान की प्रस्तावना में भी है। समाजवाद पर प्रश्नचिह्न लगाने वाले लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकते हैं। अगर लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है तो कोई समाजवादी के साथ सेक्युलर भी नहीं हो सकता है। इन तीनों में से किसी एक को भी हटाएंगे तो देश नहीं चल सकता है।