रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- आरटीओ विभाग की अवैध वसूली के खेल पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रहा है। बनारस मार्ग के कपसारा, सतीपारा, दवनकरा और सेमराखुर्द जैसे इलाकों में आरटीओ की नीली गाड़ियां खड़ी कर भारी वाहनों को जांच के नाम पर रोका जा रहा है। वाहन चालकों से दस्तावेजों की जांच के बहाने हजारों रुपए की वसूली की जा रही है। इस प्रक्रिया में चालक मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।
चालकों की बेबसी: जांच के नाम पर लूट
चालकों का कहना है कि सभी वैध दस्तावेज होने के बावजूद आरटीओ के कर्मचारी वाहनों को रोककर मनमाना पैसा मांगते हैं। ट्रक चालकों ने संवाददाता को बताया कि दस्तावेज पूरे होने के बावजूद फिटनेस, ओवरलोडिंग और अन्य बहानों के नाम पर 8,000 से 10,000 रुपए वसूले जाते हैं। पैसे देने तक ट्रकों को सड़क किनारे खड़ा कर दिया जाता है, जिससे चालकों का समय खराब होता है और वे मानसिक तनाव में आ जाते हैं।
ओवरलोडिंग की जांच की जगह अवैध वसूली
केंद्रीय और राज्य परिवहन नियमों के अनुसार ओवरलोडिंग की जांच प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन आरटीओ विभाग का ध्यान ओवरलोडिंग की बजाय सीधे पैसों की वसूली पर है। कई बार नीली गाड़ी बेतरतीब जगहों पर खड़ी रहती है, जैसे लटोरी, सोनगरा, जरही, या मरहटटा, और वहां से बेखौफ वसूली होती है।
शासन-प्रशासन की चुप्पी, सड़क पर बढ़ रही अव्यवस्था
यह व्यस्त मार्ग शासन-प्रशासन के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की आवाजाही का हिस्सा है, लेकिन उनकी चुप्पी आरटीओ विभाग के इस खेल को और बढ़ावा दे रही है। सड़कों पर भारी वाहनों की कतार और खराब स्थिति दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।
क्या है अवैध वसूली का कारण?
आरटीओ विभाग द्वारा मुख्य सड़कों पर बेतरतीबी से वाहनों को रोककर दस्तावेजों की जांच के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। सड़कें पहले से ही खराब हैं और ऐसे में ट्रकों को सड़क पर खड़ा कर देने से ट्रैफिक बाधित हो रहा है। यह स्थिति दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।
चालकों का आक्रोश, समाधान की मांग
वाहन चालकों ने प्रशासन से इस समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यह अवैध वसूली बंद नहीं होती तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
तथा इससे पूर्व भी कई तरह के गंभीर आरोप तथा ट्रक ड्राइवर परिवहन विभाग के लोगों की सड़क हो चुकी है स्थिति मारपीट तक भी पहुंची है।
इस विषय में परिवहन विभाग के कार्यालय अधिकारी आरटीओ विनय सोनी ने कहां की मुझे मामला की जानकारी नहीं है। उड़न दस्ता वाले क्या कर रहे हैं मुझे जानकारी नहीं है मैं पता करके बात करता हूं। मामले की जांच कार्यवाही होगी इस विषय में राम जी दीवान से बात कर लीजिए। उस क्षेत्र का वही देखरेख करते हैं