Gpm से कृष्णा पांडेय की खबर:- नवागाव पेंड्रा से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जहां क्षेत्र में लोगों के विकास के लिए ग्रामीण स्तर पर एक ही अस्पताल है नवागांव. जहां आज कई वर्षों से डॉक्टर की सुविधा नहीं है. थोड़ा बहुत लोगो को आशा होता था की वार्ड बॉय या नर्स कुछ सहायक हो जायेंगे अब शायद वह आशा भी लोगो का टूटने के कगार पर है. नवागाव. पेंड्रा. का अस्पताल अब खुद कराह रहा है. न कोई देखने वाला और न ही कोई सुध लेने वाला. अभी कुछ दिन पहले कलेक्टर gpm द्वारा जिला अस्पताल का निरिक्षण किया गया था जिसमे कई कर्मचारी नदारद पाए गए थे. जब जिला अस्पताल का यह आलम रहा तो ग्रामीण छेत्रो को कौन सम्हाले. नवागाव अस्पताल मे दिन के 11बजे सिर्फ एक महिला सफाई
कर्मचारी ही उपस्थित रहती है. न कोई नर्स न कोई वार्डबोय न कोई दवाई देने वाला न कोई कम्पाउण्डर न ही कोई देखरेख वाला ये सब भगवान के भरोसे चल रहा है. वेतन सभी कर्मचारियों को समय पर प्रदान कर दी जाती है. यहाँ तो ऐसा भी देखा दया है की यहाँ के कर्मचारी दिन मे ही शराब के नशे मे चूर मरीजों के बेद मे सोये होते है. ग्रामीण छेत्र का अस्पताल है यहाँ कई गाँव से मरीज आते है और कराहते हुए कही और जाते है. यह बड़ी विडंबना है की शासन द्वारा कई तरह के उपाय किये जाते है ग्रामीण शिविर से ले कर वाहन चिकित्सा तक उपलब्ध कराने मे लगी है वही यहा पदस्थ कर्मचारी दिन मे होली रात दिवाली मना रहे है. आदरणीय कलेक्टर gpm को तत्काल ऐसे सस्थानों पर नजर रखने की जरुरत है जिससे जनता की जान बचाई जा सके