जशपुर बगीचा :- सावन मास में हर लोग भोले की भक्ति से झूम उठते हैं प्रतिवर्ष की सावन मास को कांवड़ यात्रा का खास महत्व है. इस दौरान भगवान शिव के भक्त कांवड़ में गंगाजल भरकर शिव जी को अर्पित करते हैं.
इसी तारतम्य मे जशपुर जिले के बगीचा मे सावन मास के अंतिम सोमवार को कांवरिया समिति की संयोजिका श्रीमती शोभापती के नेतृत्व में मातृशक्ति खुड़िया वाहिनी समिति के बैनर तले बगीचा मे सैंकड़ो महिलाओं ने इस भव्य कांवर यात्रा मे भाग लेकर पुण्य के भागी बने ।
आपको बता दें जशपुर जिले का खुड़िया क्षेत्र के इतिहास में आज तक का यह पहला ऐतिहासिक कांवर यात्रा था जो महिलाओं ने निकाली थी ।
इस ऐतिहासिक कांवर यात्रा की शुरुवात राजपुरी जलप्रपात से हुई महिलाओं ने राजपुरी से जल उठाकर भोले की भक्ति में झूमते बस स्टेंड लोटा मोड़ होते हुए पैदल अहिन वड़ा चौक पहुंचे वहां पहुंचने के बाद सभी कांवरियों की तिलक लगाकर स्वागत किया गया तत्पश्चात सभी महिलाओं ने भगवान शिव पर जल ढारे ।
किसे कहते हैं कांवरिया ?
इस साल कांवड़ यात्रा की शुरुआत 14 जुलाई से जारी है भगवान शिव की उपासना के लिए सावन का महीना बेहद खास माना गया है. सावन के महीने में शिवजी के भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ भक्त सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो कुछ सावन सोमवार से कांवड़ यात्रा शुरू करते हैं. दरअसल कांवड़ यात्रा भगवान शिव के द्वारा किया जाने वाला एक प्रकार का अनुष्ठान है. इसे वार्षिक उत्सव के तौर पर प्रत्येक साल सावन महीने में मनाया जाता है. जो लोग इस उत्सव में शामिल होते हैं, उन्हें कावंरिया कहा जाता है ।
बगीचा के इस ऐतिहासिक कांवर यात्रा मे विशेष रूप से कांवरिया समिति की संयोजिका श्रीमती शोभापती , कार्यकारिणी सदस्य मधुसूदन भगत, गीता सिन्हा, सुनीता यादव के साथ सैंकड़ो महिला मौजूद थे ।