जशपुर सन्ना:- जशपुर जिले सहित पूरे प्रदेश में लोगों की सुविधा को देखते हुए दूरी के हिसाब से ग्राम पंचायतों से पीडीएस केंद्र अलग किया गया है ताकि हितग्राहियों को बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके इसके साथ ही पीडीएस संचालक सिर्फ महिला स्वयं सहायता समूहों को ही स्वीकृति दी गई है जिससे महिलाओं का भी विकास हो सके । वो भी अपनी परचम लहराएं ।
हम बात कर रहे हैं जशपुर जिले के ग्राम पंचायत सन्ना का जो चारो ओर घनघोर जंगलों से घिरा हुआ क्षेत्र है जिसे हम जशपुर वासी जशपुर की शिमला के नाम से भी जानते हैं । जहां जिले मे सबसे अधिक राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग निवास करते हैं । क्षेत्र की जनता अत्यंत भोली भाली है जो जैसे कहे शायद ही उनकी बातों को कोई टाले और इसी फायदा यहां के नेता प्रशासन व जनप्रतिनिधि उठाते हैं ।
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ग्राम पंचायत सन्ना मे लगभग डेढ़ साल पहले पाठ क्षेत्र के दूरी एवम् हितग्राहियों को सुविधा को देखते हुए पीडीएस केंद्र अलग किया गया जिसे गायत्री स्वयं सहायता समूह के द्वारा सन्ना से लगभग 5 किलोमीटर दूर पहाड़ी कोरवा आश्रम बलादरपाठ में संचालित किया जा रहा है । इस केंद्र मे लगभग 350 से 400 के बीच हितग्राही लाभान्वित होते हैं ।
नहीं है पीडीएस केंद्र
ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत सन्ना के अंतर्गत आने वाले गायत्री स्वयं सहायता समूह के द्वारा ग्राम पंचायत भवन से करीब 5 किलोमीटर दूर पहाड़ी कोरवा आश्रम में संचालित किया जा रहा है आज से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इसका उद्घाटन किया गया था और कहा भी गया था कि 6 महीने के भीतर यहां अलग पीडीएस भवन का निर्माण करा दिया जाएगा लेकिन आज पर्यंत तक नाही पीडीएस केंद्र बन पाई और ना ही हितग्राहियों को समस्याओं से निजात मिल पाया वही ग्राम पंचायत का कहना है कि हमारे द्वारा प्रस्ताव भेज दिया गया है लेकिन आज तक प्रस्ताव सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जा रही है पीडीएस केंद्र अलग नहीं होने से यहां के हितग्राही पढ़ने वाले बच्चे सहित संचालित करने वाले महिलाओं को भी खासी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है ।
छत से टपक रहा पानी
शासकीय पहाड़ी कोरवा आश्रम बलादर पाठ काफी वर्ष पुराना होने की वजह से जर्जर की स्थिति में है पहाड़ी कोरवा आश्रम की छत से पानी टपक रहा है जिससे वहां रखे गए चावल के साथ चना भी सड़ने की स्थिति निर्मित हो गई है ।
पढ़ने वाले बच्चे हो रहे डिस्टर्ब
पीडीएस केंद्र आश्रम में संचालित होने से वहां रहने वाले बच्चों के साथ पढ़ने वाले बच्चों को डिस्टर्ब हो रही है चूंकि पीडीएस केंद्र होने से प्रतिदिन वहां लोगों का आना जाना लगा रहता है जिससे वहां पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी पढ़ाई मे दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है ।
हितग्राहियों को समस्या
गायत्री स्वयं सहायता समूह में करीब 400 के आसपास हितग्राही चावल (राशन) का उठाव करते हैं राशन दुकान मेन गेट से करीब 80 से 100 मीटर से हितग्राही चावल का उठाव करते हैं ग्रामीणों को इतनी दूरी से चावल ढो कर बाहर निकालने मे खासी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है
पूरे मामले में गायत्री स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताई की हमारे द्वारा ग्राम पंचायत को अवगत कराया गया है कि जल्द से जल्द हमारे लिए अलग पीडीएस भवन का प्रस्ताव भेजें क्योंकि यहां नेटवर्क भी सही नहीं रहने की वजह से फिंगर मशीन काम नहीं करता है व बारिश के मौसम में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन आज तक हमारे पास कोई ऐसा जानकारी नहीं आया है की कब भवन का निर्माण होगा हम आशा करते हैं कि जल्द से जल्द पीडीएस भवन का निर्माण कराने की कृपा करें ।