जशपुरनगर:- नगरपालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर पार्षदों में किसी प्रकार का अंसतोष नहीं है और ना ही पार्षदों ने किसी प्रकार के बदलाव की मांग पार्टी के सामने उठाई है। भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने,मंगलवार को,पालिका के सभागार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा किया है। उनका कहना था कि दो साल के कोरोना काल और अध्यक्ष नरेश चंद्र साय की स्वास्थ्यगत समस्या के कारण,जनता से जिस तरह से संवाद होना था वह नहीं हो पाया। अब दीपावली के बाद,अध्यक्ष श्री साय के नेतृत्व में भाजपा के सभी पार्षद नगर के 20 वार्डों का संपर्क करेगें। मिडिया के सवालों का जवाब देते हुए पार्षद फैजान खान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और नगर पालिका में भाजपा को बहुमत है। इसलिए कांग्रेस सरकार जानबूझ कर,नगरपालिका जशपुर के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होनें बताया कि नगर पालिका के ढाई साल के कार्यकाल में दूसरी नगरीय निकायों की अपेक्षा,पालिका को विकास कार्यो के लिए सरकार द्वारा बजट नहीं दिया गया। अब,विधानसभा चुनाव को सिर में आता हुआ देख कर,5 करोड़ रूपए का बजट दिया है। इस बजट का बेहतर उपयोग करने के लिए निविदा की प्रक्रिया की जा रही है।
विपक्षी सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक, तथ्यहीन बातें फैला रहे हैं।
उनकी मंशा लोगों में भ्रामक बातें फैलाकर भाजपा की नगर सरकार की छवि धूमिल करना और विकास प्रक्रिया को बाधित करने का है, लेकिन जनता सब जानती है, सब समझती है।
पार्षद विक्रांत सिंह ने कहा कि आर्थिक गड़बड़ियों के मामले को लेकर भाजपा पूरी तरह से गंभीर है। विभिन्न समाचार माध्यमों में निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी की जो भी शिकायत सामने आ रही है,उस पर अधिकारियों से चर्चा कर न केवल पूरी जानकारी ली जाएगी,बल्कि इन मामलों को परिषद के अगले बैठक में शामिल कर,इस पर चर्चा भी की जाएगी। उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि नगर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए लगातार प्रशासन से चर्चा की जा रही है। उन्होनें बताया कि सती उद्यान का सौंदर्यीकरण,ट्रेफिक सिग्नल का स्थापना,कोरोनाकाल के दौरान निश्शुल्क राशन,सैनिटाइजर और मास्क वितरण जैसे कई कार्य नगरपालिका ने किया है। आगे भी,सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बजट का बेहतर उपयोग करते हुए,स्वच्छ जशपुर और सुंदर जशपुर के विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में पार्षद सतीश वर्मा,मुकेश इंद्रवार,नीतू गुप्ता,लालदेव राम,एंजेला खेस,पिंकीं लकड़ा शामिल थे।