कई डिपो नाममात्र के टीपी जारी करवाते हैं, खनिज विभाग के संरक्षण में चल रहा चोरी का कारोबार
रायगढ़। कोल डिपो में कोयले का स्टॉक भरा हुआ है। अनुमान है कि अभी कोयले की कीमतें चढऩे वाली हैं। इसलिए डिपो संचालकों ने अलटी-पलटी का कोयला डंप करके रखा हुआ है। इस कोयले के स्त्रोत का अता-पता ही नहीं है। कोल इंडिया ने ऑक्शन में कोयले की मात्रा कम कर दी और पावर सेक्टर के लिए आपूर्ति बढ़ा दी। दरअसल गाडिय़ों से कोयला चोरी करके डिपो में रखा जा रहा है।रायगढ़ में अचानक से कोयले के काम में उछाल आया है। कोयले की कीमत बढ़ती है तो कोल डिपो सक्रिय हो जाते हैं। जब कोयले की कीमतें गिरती हैं तो डिपो के पास काम कम हो जाता है। इस हिसाब से अभी का दौर कोल डिपो का है। खदानों से प्लांटों तक पहुंचने वाले कोयले को पूरा चोरी करके मिलावटी घटिया कोयला सप्लाई किया जाता है। वर्तमान में कोल डिपो में कोयले का भंडार है। साथ ही छाई भी भारी मात्रा में डंप किया गया है। एसईसीएल और एमसीएल से कोयला लेकर आ रही गाडिय़ों को सेटिंग कर खाली कर लिया जाता है।इसमें मिलावटी घटिया क्वालिटी का कोयला डालकर रवाना कर दिया जाता है। लोकल प्लांटों को जरूरत पडऩे पर कोयला बेचा जाता है। अभी जो कोयला रखा हुआ है, उसका कोई स्रोत ही नहीं है। कोयले को कोई बिल ही नहीं है। पुलिस और खनिज विभाग से सांठगांठ कर कोयला आसानी से अलटी-पलटी किया जा रहा है। खनिज विभाग अब कार्रवाई नहीं कर सकता और पुलिस से सेटिंग होने पर कोई रोकने वाला नहीं है।
बिना टीपी निकल रही है गाडिय़ां
खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने लाइमस्टोन की चार गाडिय़ां बिना टीपी के जब्त की थी। इसी तरह कोयले का परिवहन भी बिना टीपी हो रहा है लेकिन उधर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस कोयले का वैध बिल नहीं होता, उसका ऑनलाइन टीपी नहीं जारी होता। अभी कोल डिपो में छापा पड़ेगा तो सैकड़ों टन अवैध कोयला जब्त होगा।