रायगढ़: आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आय, जाति प्रमाण पत्र बनाने और बोर्ड एग्जाम की अंक सूची को लेकर परेशान होना पड़ेगा। अब बच्चों को पांचवीं और आठवीं की जो मार्कशीट दी जा रही है, उसमें जाति या जन्म तिथि लिखने का कालम ही नहीं है। राज्य से अंक सूची मिलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में इसे बंटवा भी दिया है। रिजल्ट जारी होने के बाद मार्कशीट दी जा रही है।
जिन स्कूलों में शिक्षा विभाग ने अंकसूची दी जानी है, उसमें शुक्रवार को जूटमिल और शहर के अलग अलग स्कूलों में जा कर देखा गया। शिक्षकों कहना था कि जो अंकसूची आई है, वह भी नहीं मिल पाई है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने शिक्षकों से मार्केट से अंकसूची खरीद कर बांट देने के लिए कहा है। इसकी पड़ताल की गई तो सूची में जाति या जन्म तिथि के कालम का उल्लेख नहीं था।
स्कूल के शिक्षकों ने दर्ज कराई आपत्ति
स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि राजधानी रायपुर से ही पूरे राज्य में अंकसूची भेजी गई है। शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही इन अंकसूची को भेजा गया था। शिक्षा विभाग ने बाद में जब परीक्षाएं हुईं तो उसका वितरण किया। जब अंकसूचियों को बांटा गया, शिक्षकों ने गंभीर गलती को देखा और अफसरों के सामने आपत्ति जताई है।
जाति, आय प्रमाण पत्र बोर्ड परीक्षाओं में भी जरूरी रिटायर्ड योजना एवं सांख्यिकीय अधिकारी रमेश बेहरा ने बताया कि जाति, आय सहित अन्य तरह के प्रमाण पत्र के लिए पांचवीं और आठवीं की अंकसूची अनिवार्य है। इसमें जाति से लेकर जन्मतिथि और मूल निवासी सहित कई जानकारियां मिलती है। ये जानकारी यदि नहीं होगी तो उनका भविष्य में दस्तावेज बनाना मुश्किल होगा। प्राइमरी और मिडिल स्कूल में पांचवीं और आठवीं कक्षा की मार्कशीट बेहद ही महत्वपूर्ण होती है। 10वीं और 12वीं की मार्कशीट के लिए अहम होता है। इसमें कोई त्रुटि रहती है तो उन मार्कशीट देखकर सुधारा जाता है।
फैक्ट फाइल
जिले में सरकारी स्कूलों में पांचवीं में 37 हजार 474 स्टूडेंटस
आठवीं में 36 हजार 212 स्टूडेंटस जिन्हें अंकसूची दी जा रही है
राजधानी भेजी है जानकारी –
“पांचवीं और आठवीं की अंकसूची में जन्म तिथि या जाति के कॉलम नहीं है। यह बात शिक्षकों के माध्यम से सामने आई थी। इसके बाद हमने इसकी जानकारी राज्य स्तर पर दे दी है। उन्होंने उसे संज्ञान में लिया है। इसमें किसी तरह के कदम उठाए जाने की बात कही है। ”
नरेंद्र चौधरी (डी एम सी)