कोरबा पिछले चार दिनों के भीतर हुई 684 मिमी झमाझम वर्षा का असर बांगो बांध पर पड़ा है। पूर्ण भराव से बांध अब ढाई मीटर दूर ही रह गया है। पिछले दो वर्षों से बांध पूरी तरह नहीं भरा है। जिस रफ्तार से वर्षा जारी है उससे पूर्ण भराव की संभावना व्यक्त की जा रही है। खेती के आवश्यक सामान्य से 11 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है। पर्याप्त पानी भराव से धान के पौधे तेजी से बढ़ने लगेे है। पखवाड़े भर के भीतर बालिया आनी शुरू हो जाएगी।
जिले में पिछले चार दिनों से डूब रही वर्षा ने बांध के भराव और सुखाने के खेतों की स्थिति में सुधार किया है। मानसून आने के बाद अब तक जिले में 8,141.2 मिमी बारिश हुई है। खेतों को भरने से खाद जोड़ने और खरपतवार निकालने में आराम होता है। बांगो बांध से सिंचाई तक का पानी 84 से 79 प्रतिशत से भी कम हो गया. चार दिन की बारिश ने बांध के भराव के नीचे आने के बजाय खेलना शुरू कर दिया है। इस समय इसका भराव 85 प्रतिशत है। दूसरी ओर, रायगढ़ और जांजगीर- चंपा जिले में भी बारिश के कारण पानी की मांग कम होने लगी है। बताना होगा कि इन दोनों जिलों के अलावा कोरबा जिले के करतला विकासखंड के 1,398 हेक्टेयर क्षेत्र में नहर से पानी मिलता है।
सितंबर के शुरूआत से वर्षा थमने की वजह से उमस और धूप का चौतरफा असर देखा जा रहा था। बुधवार की तुलना में गुरूवार को 123.23 मिली मीटर वर्षा अधिक हुई। शुक्रवार को भी सुबह से ही आसमान में बदली छाई थी। खास बात यह है कि चार दिन की वर्षा जिले भर में व्यापक रहा। कृषि विभाग केंद्र कटघोरा के मौसम वैज्ञानिक संजय भिलावे ने बताया कि बदली का असर प्रदेश सहित जिले में भर आगामी सप्ताह तक बनी रहेगी। खेती के लिए वर्षा पर्याप्त होने बेहतर उपज होने की उम्मीद किसानों में बढ़ गई है।
तीन सेंटी मीटर पानी भर कर रखें खेत में
किसान खेतों में पानी को संग्रहित कर रखें। वर्तमान में धान के पौधों के लिए पानी अति आवश्यक है। कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को एडवायजरी जारी करते हुए कहा कि धान फसल गभोट की स्थिति में आ रही है। इस स्थिति में पौधा अधिक मात्रा में पानी अवशोषित करता है। खेत में क्यारी बनाकर पानी को संग्रहित रखने की सलाह दी जा रहा है। खेतों में अनावश्यक पानी रोकना हानिकर हो सकता है। किसान इस बात ध्यान रखें कि पानी का भर जड़ से तीन सेंटी मीटर तक रहे।
पटरी पर आई दलहन-तिलहन, सब्जी की पिछड़ी खेती
वर्षा की बिगड़ी तासीर ने दलहन, तिलहन व सब्जी की खेती को भी प्रभावित किया था। कम वर्षा पर उमस भारी पड़ने की वजह से सब्जी की फसल पर बीमारियां पनपने लगी थी। वर्षा में आई तेजी से सब्जियाें की उपज म सुधार आई है बाजार में रफ्तार से लोकल सब्जियों की आवक होने लगी हैं। दलहन की बुआई भी 84 फीसदी पूरी हो चुकी है वहीं तिलहन में मूंगफली व तिल की बुआई 68 फीसद दर्ज किया गया है। किसानों की माने तो वर्षा का साथ रहा तो उपज बेहतर होगी।
झुलसा बीमारी से मिली निजात
बीयासी के लिए खेतों में पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। कम पानी में किसानों ने बीयासी कर दी थी। फसल में हरियाली के बजाय अब पीला पन दिखाई दे रहा है। खासकर मैदानी खेतों में तेज धूप और उमस के चलते झुलसा बीमारी के रूप में देखने को मिल रहा था। नमी समाप्त होने के कारण फसल की प्रतिरक्षी क्षमता घटने लगी थी। कीट रोग विशेषज्ञ महिपाल उर्रे का कहना है वर्षा से खेतों को पर्याप्त पानी मिला है। कीट व्याधि से जूझ रहे फसल के लिए दवाओं का छिड़काव कारगर होगा।
0 अब तक हुई वर्षा की स्थिति (मिमी में)
ब्लाक – 1 जून से अब तक
कोरबा- 916.8
करतला- 946.8
कटघोरा- 993.0
पाली- 749.8
पोड़ी उपरोड़ा- 886.6
उपरी क्षेत्र में हो रही वर्षा का असर बांगो बांध के भराव पर पड़ा है। बांध पूरी तरह भरने से अभी ढाई मीटर दूर है। मानसून के शेष समय को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष बांध पूरी तरह भर जाएगा।
एसके तिवारी, मुख्य कार्यपालन अभियंता, बांगो परियोजना