शासकीय राम भजन राय एन ई एस स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर के स्वर्ण जयंती सभागार में जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विभाग के संगठन व्यवस्था में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रोजेक्ट और लघुशोध प्रबंध था। सेमिनार में सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय रक्षित ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीपप्रज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। विभागाध्यक्ष प्रो डी आर राठिया ने सेमिनार आयोजित करने के उद्देश्य और आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने यह भी बताया कि सेमिनार का विषय स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्र छात्राओं के लिए समसामयिक है।
महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डॉ हरिकेश प्रजापति ने उपस्थित छात्र छात्राओं को सोशल आउटरीच प्रोजेक्ट तथा लधु शोध प्रबंध के संबंध में पी पी टी के माध्यम विषय का चयन, संबंधित विषय में पूर्व में किए गए कार्य, विषय सूची बनना, उपसंहार के साथ साथ संदर्भ ग्रंथ सूची बनाने की सारी जानकारी प्रदान की। विभागाध्यक्ष अंग्रेजी सुश्री रिजवाना खातून ने स्नातकोत्तर कक्षाओं के उपस्थित छात्र छात्राओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से शोध कार्य में सूचना प्रौद्योगिकी का किस प्रकार से उपयोग किया जा सकता है बताया। इसके अलावा आई सी टी का उपयोग मोबाइल फोन में करके किस प्रकार से प्रोजेक्ट और लघुशोध प्रबंध कैसे बनाएं जातें हैं।कु रिजवाना ने अपनी जानकारी को पी पी टी के माध्यम से प्रदर्शित किया। महाविद्यालय के प्राध्यापक के श्रीमती ज्योति तिर्की ने प्रोजेक्ट और लघुशोध प्रबंध को शोध कार्य का प्रथम सीढ़ी कहा तथा उन्होंने बताया कि आज के समय में किस प्रकार से किसी भी विषय पर सुक्ष्म अध्ययन किया जाता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नयी तकनीक को अपनाकर आज हम अनेक खोज करने में सफल हो रहें हैं। उन्होंने शोधकर्ताओं को वास्तविक जानकारी के लिए प्रश्नवली का अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दिया। विभागाध्यक्ष विधि डॉ तरुण कुमार राय ने प्रोजेक्ट और लघुशोध में शीर्षक, विषयवस्तु, अनुक्रमणिका, प्रश्नावली, साक्षात्कार, अनुसूची और संदर्भ ग्रंथ सूची के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के समय में शोध कार्य करने में सामग्रियां उपलब्ध है परन्तु सामग्री प्राप्त करने के लिए अनेक शोधार्थी साहित्य चोरी जैसे काम भी करते हैं।
उन्होंने नयी तकनीक की जानकारी दी कि किस प्रकार से साहित्य चोरी पकड़ी जाती है। महाविद्यालय के ग्रंथपाल व्ही पी सिंह ने प्रोजेक्ट और लधुशोध की सामग्री प्राप्त करने में ग्रंथपाल के साथ साथ आनलाइन माध्यम से भी ज्यादा जानकारी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने छात्र छात्राओं को अनेक वेवसाइट के नाम दिए, जिससे सामग्री प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंतिम विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ विनय कुमार तिवारी ने शोधकर्ताओं को कार्य के दौरान क्या क्या समस्या आती है तथा उसका निदान किस प्रकार से किया जाता है। आज सेमिनार के पश्चात् प्रांगण विकास के अन्तर्गत वाटिका में वृक्षारोपण कार्य किया गया। एक दिवसीय सेमिनार में प्राचार्य डॉ विजय रक्षित,प्रो डी आर राठिया, श्रीमती ज्योति,कु रिजवाना,कु आइलिन,कु प्रिसी, कु अलका,कु रेणुका,कु चांद,कु प्रेमा नायक,कु राजवाड़े,अजय राजवाड़े,धनसुन्दर प्रधान कु अलिना सोनी, डॉ हरिकेश प्रजापति, डॉ टी के राय, डॉ विनय कुमार तिवारी, व्ही पी सिंह के अलावा विज्ञान संकाय के सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो डी आर राठिया ने किया।