धर्म नगरी बगीचा में भव्य कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह का आज शुभारंभ किया गया।रौनी रोड से मातृशक्ति ने सिर पर कलश धारण कर पूरे नगर में शक्ति का संचार किया।
उल्लेखनीय है कि रौनी रोड बगीचा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह का कार्यक्रम आयोजित है।व्यासपीठ पर प्रयागराज से पधारे आचार्य डॉ अमर वाजपेयी के मुखारविंद से श्रद्धालु कथा श्रवण का लाभ ले रहे हैं।ज्ञानयज्ञ के प्रथम दिवस श्रीमद्भागवत की स्थापना,वेदी पूजन,कलश शोभायात्रा,व्यासपीठ पूजन के साथ कथा कार्यक्रम की शुरुआत की गई।नारी शक्ति ने सिर पर कलश धारण किया।
रौनी रोड से शोभायात्रा बस स्टैंड चौक होते हुए डोड़की नदी पंहुचीं जहां आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए मां गंगा का आह्वान कर कलश देवता का पूजन किया।यहां सत्यनारायण गुप्ता व उनके परिवार के द्वारा श्रीमद्भागवत पुराण को धारण कर पूरे नगर में शक्ति का संचार किया गया।
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानसप्ताह का कार्यक्रम 14 अप्रैल तक चलेगा जिसमें कथा के साथ विभिन्न झांकियों के माध्यम से संगीतमय कथा का श्रवण श्रद्धालु करेंगे।आचार्य डॉ अमर वाजपेयी ने बताया कि जब हम चैतन्यता के साथ जीवन जीना शुरु कर देते हैं तो हमें आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।श्रीमद्भागवत कथा का सार यही है कि हम जीवन के उन मूल्यों को समझें उसकी गूढ़ता को समझें जो हमें परब्रम्ह परमेश्वर तक लेकर जाती है।
जब हम बोध के साथ जीवन जीना शुरु कर देते हैं तो मोह माया से परे सर्वस्व हमें परमात्मा के दर्शन होने लगते हैं।उ की अनुभूति हमें हर पर उर्जित करती रहती है।कथा का श्रवण हमें पितृदोषों से तो तारता ही है इसके अलावा श्रीमद्भागवत हमें जीवन जीने की कला भी सिखाता है।जब हम कथा के सारतत्व को अपने जीवन में उतारना शुरु करते हैं तो हमारे जीवन में सकारात्मकता का विकास होता है।लोभ,मोह,काम,क्रोध से परे हम समत्व में जिंदगी जीना सीख जाते हैं।
उक्त कथा कार्यक्रम में स्थानीय नगरवासियों के साथ दूर दूर से श्रद्धालु पंहुच रहे हैं।प्रतिदिन सायं 3 से 6 बजे तक कथा का कार्यक्रम निर्धारित है।आचार्य डॉ अमर वाजपेयी के साथ संगीत एवं पुरोहितों की टोली अपना योगदान दे रही है।डॉ जगदीश पाठक ने आचार्य श्री के साथ कलश पूजन एवं श्रीमद्भागवत पूजन में सहयोग प्रदान किया।