जशपुर जिले में दूरस्थ अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी और बिरहोर समुदाय के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है। बच्चों के लिए आश्रम-छात्रावास की भी सुविधा दी जा रही है, ताकि बगीच, सन्ना और पाठ क्षेत्र के बच्चे छात्रावास में रहकर अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें।
आदिम जाति विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 970 विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवार के बच्चे आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहें हैं। छत्तीसगढ़ शासन की स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम विद्यालय में भी बच्चे पढ़ाई कर रहें हैं। आज पहाड़ी कोरवा बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करके शासकीय नौकरी का भी लाभ ले रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा कोरवा बच्चों को निःशुल्क भोजन, पुस्तक-कॉपी, छात्रवृति, गणवेश और खेल की भी सुविधा उपलब्ध करा रही है। खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए जिले में तीरंदाजी एकलव्य खेल अकादमी केन्द्र खोला गया है। ताकि बच्चे उच्च स्तरीय कोच से प्रशिक्षण लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहचान बना सके।
विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा संचालित संकल्प शिक्षण संस्थान में भी प्रवेश दिया गया है। और बच्चे वहॉ रहकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की भी तैयारी कर रहें हैं।