बिलासपुर में तहसील ऑफिस में दलाली का भंडाफोड़ हुआ है। यहां आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए एजेंट हैं, जो फर्जी सील लगाकर दस्तावेज तैयार करते हैं और फर्जी प्रमाणपत्र जारी कर देते हैं। मामला सामने आने पर तहसीलदार ने एक एजेंट को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया है। साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया है। मामला सिविल लाइन थाने का है।
सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि इस मामले में केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर एजेंट से जुड़े लोगों की जानकारी जुटा रही है। दावा किया जा रहा है कि जांच में कई बड़े नाम का खुलासा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कुदुदंड के मिलन चौक में रहने वाले मनोज राव (57) तहसील कार्यालय में माल जमादार हैं, जिसकी तरफ से एफआईआर की गई है।
शिकायत मिली तो तहसीलदार ने पकड़ा मामला:-मनोज राव ने अपनी शिकायत में बताया कि तहसीलदार अतुल वैष्णव को ऑफ लाइन जाति, निवास और आमदनी प्रमाण बनाने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद उन्होंने जांच की, तब पता चला कि सेमरताल में रहने वाला मुकेश खरे इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। उन्होंने मुकेश को बुलाकर पूछताछ की, तब उसने बताया कि उसने पैसे लेकर रामकुमार सूर्या नाम के युवक को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पैसे और कागजात दिए थे। रामकुमार ने उसे प्रमाणपत्र भी बनाकर दिया है। तहसीलदार वैष्णव ने पंचनामा बनाया और पूरे मामले की शिकायत के लिए माल जमादार मनोज राव को निर्देशित किया। इस पर पुलिस ने धारा 466, 467, 468 के तहत मुकेश खरे पर केस दर्ज कर लिया है और इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।
ऐसे खुला फर्जीवाड़े का राज;-महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती चल रही है। इसके लिए आवेदन पत्र के साथ उम्मीदवारों से निवास प्रमाण पत्र के साथ ही आय प्रमाणपत्र भी मांगा गया है। लिहाजा, यहां आवेदक प्रमाणपत्र बनवाने पहुंच रहे हैं। मंगलवार को आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि थी। लिहाजा, कई आवेदक प्रमाणपत्र बनवाने पहुंचे थे। जिन लोगों को प्रमाणपत्र जारी किया गया था उनकी एंट्री ऑनलाइन दर्ज नहीं की गई थी। ऑफलाइन प्रमाण पत्र बनवाने पर उसकी मेनुअली एंट्री की जाती है। लेकिन, उनकी मेनुअली एंट्री भी नहीं थी। इसकी जानकारी तहसीलदार अतुल वैष्णव को हुई, तब पता चला कि उनका फर्जी सील और साइन कर मैनुअल जाति निवास और आमदनी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। यह काम कोई और नहीं तहसील कार्यालय में सक्रिय दलाल कर रहे हैं। जिसके बाद इस पूरे फर्जीवाड़ा का राज खुला।
रामकुमार के साथ कौन-कौन है शामिल पुलिस करेगी जांच:-पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि आरोपी मुकेश खरे ने अपना अपराध स्वीकार किया है। साथ ही उसने बताया कि मंगलवार को एक युवक उसके पास जाति, निवास और आमदनी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आया था। उसने ग्रामीण से 300 रुपए लेकर प्रमाण पत्र बनवा देने की बात कही। पैसे लेकर उसने तहसील कार्यालय में ही मौजूद रामकुमार सूर्या को प्रमाण पत्र बनाने के लिए कहा। साथ ही 100 रुपये भी दिए। रामकुमार ने प्रमाण पत्र में तहसीलदार के फर्जी सील और साइन लगाकर दे दिए। इसमें राजस्व प्रकरण क्रमांक भी दर्ज नहीं था। इसकी जानकारी तहसीलदार को हुई, तब पूरे फर्जीवाड़ा का राज खुला। अब पुलिस रामकुमार के संबंध में जानकारी जुटाकर उसकी तलाश कर रही है।