Journalist BHUNESWAR NIRALA ✍️
रायगढ़। नगर निगम में कांग्रेस की महापौर जानकी काटजू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 15 सितंबर का दिन तय किया गया है। भाजपा ने महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 7 आरोपो को लेकर किया है। जिसमें शहर की साफ सफाई, भ्रष्टाचार, विकास कार्य में बाधा, कमीशन खोरी जैसे कई गंभीर महापौर पर आरोप लगाए हैं। रायगढ़ जिला कलेक्टर ने 15 सितंबर को सुबह 11 बजे सम्मेलन बुलाई है। जिसमें शहर के 48 वार्ड के पार्षद रायगढ़ महापौर जानकी काटजू के पद पर बने रहने का फैसला करेंगे।
पूरी प्रक्रिया वोटिंग के आधार पर होगी। शहर में कुल 48 वार्ड है। सभी वार्डों के पार्षद इस दिन वोट करेंगे। जिसमें महापौर को बहुमत के लिए 24 से अधिक वोट की आवश्यकता होगी। शहर में कुल 48 वार्ड है। कांग्रेस के पास 26 और भाजपा के पास 22 पार्षद हैं। भाजपा की एक पार्षद की हाल में ही निधन होने के कारण भाजपा के पास अभी मात्र 21 पार्षद ही शेष है। अगर कांग्रेसी महापौर के साथ भीतरघात जैसी कोई बात नहीं हुई, तो महापौर और अपने पद पर बनी रहेंगे। हालांकि इस बात की भी जोरों से चर्चा है कि शुरुआत में भाजपा इस अविश्वास प्रस्ताव के मूड में नहीं थी। महापौर जानकी काटजू से नाराज चल रहे कुछ कांग्रेसी पार्षदों के अघोषित समर्थन पर भाजपा ने यह अविश्वास प्रस्ताव पटल पर लाया है। इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। महापौर कांग्रेस की है और बहुमत में भी। अगर इस अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा की जीत होती है तो कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी का यह अब तक का सबसे बड़ा उदाहरण होगा और इसका दुरगामी प्रभाव आने वाले विधानसभा चुनाव में कांगे्रस प्रत्याशी पर भी पड़ सकता है।