पत्थलगांव/जशपुर (छत्तीसगढ़) प्रदेश के जशपुर जिले में महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में शिकायत के बाद भी जांच न होने पर,अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई है।
समस्त अभ्यर्थियों का आरोप है कि अधिकारियों ने शासन के नियमों के विपरीत,दावा आपत्ति प्रक्रिया के दौरान,अधिकारियों ने,अपात्र घोषित किये गए अभ्यर्थियों से प्रमाण पत्र जमा लेकर,उन्हें पात्र कर दिया। इससे, पूर्व से पात्र अभ्यर्थी,चयन सूची से बाहर हो गई। मामला,जिले के पत्थलगांव जनपद के एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना बागबहार का है।
जानकारी के मुताबिक, 10 जनवरी ग्राम पंचायत बागबहार,तरेकेला,गोढ़ी बी,फरसाटोली, पेमला, कुकुरभूखा, जामझोर, कोकियाखार, झिमकी,मधुबन, पतराटोली, कर्राबेवरा, घोघरा,राजाआमा,खूंटापानी,सराईटोला व बुलडेगा सहित 17 पंचायतो में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों के भर्ती संबंधी विज्ञापन जारी किया गया था. विज्ञापन के विरूद्व प्राप्त आवेदनों की स्कूटनी के लिए मूल्यांकन समिति ने 26 अप्रैल को पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी किया था। दावा आपत्ति के लिए जारी किये गए आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि इस दौरान,किसी अभ्यर्थी से अलग से कोई प्रमाण पत्र नहीं लिया जाएगा।
फिलहाल, ग्राम पंचायत मंदिर पारा जामझोर की सहायिका अभ्यार्थी मनीषा पैंकरा,कु.नवीना पैंकरा भाटापारा खूंटपानी,आंगनबाड़ी केंद्र खमगड़ा ग्राम पंचायत राजाआमा की पूर्णिमा पैंकरा ने कलेक्टर डा रवि मित्तल से किये गए शिकायत में आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने अपने ही आदेश का उल्घंन करते हुए,अपात्र हितग्राहियों से प्रमाण पत्र जमा लेकर,उन्हें पात्र कर दिया। अभ्यर्थि पूर्णिमा पैंकरा ने बताया कि जारी मेरिट सूची में 51प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान आने के बाद अपात्र अभ्यर्थी सुशीला पैंकरा जिनका प्राप्तांक 39 प्रतिशत था. उस अभ्यर्थी को मेरा कम अंक बताकर उनकी नियुक्ति कर दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,कुमारी नाबीना पैंकरा ने बताया कि इनका 61.72 प्रतिशत प्राप्तांक था.और वह भी प्रथम स्थान पर थी.लेकिन उनकी जगह जशिता पैंकरा 61.60 प्रतिशत को धांधली कर नियुक्ति कर दिया गया। वहीं मनीषा पैंकरा जामझोर ने बताया कि उनका प्राप्तांक 64.96 प्रतिशत था और वह भी प्रथम स्थान पर थी लेकिन उनकी जगह सावित्री पैंकरा जिनका प्राप्तांक 44.63 प्रतिशत था.जिसे चयन की नियमावली और मापदंडों को दरकिनार कर अपात्र अभ्यर्थियों का चयन कर दिया गया।
आगे आंगनबाड़ी सहायिका पूर्णिमा पैंकरा,मनीषा पैंकरा,व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नवीना पैंकरा ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर जशपुर से लेकर अन्य जगहों पर की थी.लेकिन उनके आवेदनों पर कोई जांच व निराकरण नही किया गया जिससे वे पात्र होकर भी अपने हक से वंचित हैं। इन महिलाओं ने साफ शब्दों में बताया कि तत्कालीन पत्थलगांव के जनपद सीईओ,बागबहार महिला बाल विकास परियोजना के अधिकारी सहित जिले के विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत के कारण अपात्र हितग्राहियों को अनुचित ढंग से उन्हें नियुक्ति से वंचित रखा गया है.जिससे महिलाओं में रोष व्याप्त है।
महिला बाल विकास विभाग के संचनालाय के निर्देशानुसार गरीबी रेखा 2011 की सर्वे सूची सक्षम अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहायक विस्तार अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र ही मान्य किये जाएंगे। लेकिन वह भी दावा आपत्ति के पूर्व लिए जाने चाहिए थे। वही परियोजना कार्यलय द्वारा जारी दावा आपत्ति के आदेश में भी यह स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि दावा आपत्ति के समयावधि में कोई भी प्रमाण पत्र नही लिए जाएंगे। बावजूद दावा आपत्ति की समयावधि में प्रमाण पत्र लेकर अपात्र अभ्यर्थी की भर्ती किया जाना नियमों के विपरीत है।
‘जिले के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार शुद्धि पत्र जारी करने का मौखिक आदेश दिया गया था। उसी आधार पर दावा आपत्ति के दौरान जाति प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा प्रमाण पत्र,विधवा परित्यक्ता सहित अन्य दस्तावेज लिए गए। उस आधार पर अभ्यर्थी की नियुक्ति पत्र जारी किए गए है।’-ख्रीस्त लेतारेन कुजूर,परियोजना अधिकारी बागबहार
‘मैं कुछ समय पहली ही प्रभार ग्रहण किया हूं। इसलिए,मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। उच्च अधिकारियों का निर्देश मिलने पर जांच कर,आगे की कार्रवाई की जाएगी।’-पवन पटेल,सीईओ,जनपद पंचायत,पत्थलगांव।