पाली वन परिक्षेत्र से लगे गांव बतरा व आश्रित ग्राम कटेलीपारा में उस समय हड़कंप मच गया जब निकटवर्ती जंगल में मगरमच्छ के विचरण की सूचना मिली। मगरमच्छ खूंटाघाट बांध से भटक कर जंगल पहुंच गया था। वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। विभाग ने रेस्क्यू टीम भेजा। ग्रामीणों के सहयोग से मगरमच्छ को पकड़ कर वापस खूंटाघाट बांध में छोड़ा गया।
बिलासपुर जिला के खूंटाघाट बांध में अधिक मात्र में मगरमच्छ पाया जाता है। बांध का उत्तरी किनारा जिले के पाली व पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र से जुड़ा है। ऐसे में अक्सर बांध के मगरमच्छों का निकटवर्ती तालाबों में आना-जाना लगा रहता है। रविवार की दोपहर ग्राम कटेलीपार निवासी बजरंग पोर्ते अपने साथियों के साथ जंगल की ओर गया हुआ था। इस दौरान अचानक बजरंग की नजर मगरमच्छ पड़ी। उसने इसकी जानकारी अपने साथियों को दी। डरा हुआ मगरमच्छ इधर- उधर भागने लगा। खेत में घुसने से फसल को नुकसान होने की संभावना को देखते हुए ग्रामीणों इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।
मौके पर पहुंची वनकर्मियों की टीम ग्रामीणों की मदद से मगरमच्छ का रेस्क्यू करना शुरू किया। इस बात की जानकारी मिलने पर मगरमच्छ को देखने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। मगरमच्छ के वयस्क होने की वजह से उसे काबू में करने के लिए वन विभाग की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। सबसे पहले रस्सी के सहारे उसे फंसाया गया। इसके बाद लंबा बांस के सहारे उसके मुंह को दबाकर सुरक्षित बांधा गया। विभाग के अधिकारियों की मार्गदर्शन में उसे वापस खूंटा घाट बांध में छोड़ा गया।