विधायक जशपुर श्री विनय भगत ने आज विकासखण्ड मनोरा के ग्राम जरिया के आंगनबाड़ी केंद्र में नन्हे-मुन्हें बच्चों को विटामिन ए एवं आयरन फोलिक एसिड की सिरप पिलाकर शिशु संरक्षण माह 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्री रंजीत टोप्पो, डीपीएम सुश्री स्मृति एक्का, डीआईओ, बीएमओ, सुरज चौरसिया अन्य जनप्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
विधायक श्री भगत ने समस्त गर्भवती व शिशुवती माताओं को संदेश दिया गया की टीकाकरण सत्र में पहुँच कर सत्र के दौरान दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ लेने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सभी माताएं अपने 06 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को अपने नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्रों में नियमित टीकाकरण के साथ ही विटामिन ए व आईएफए की सिरप अनिवार्य रूप से पिलाए। साथ ही उपस्थित सभी अधिकारियों ने भी बच्चों को विटामिन ’ए’ की दवा पिलाई।
सीएमएचओ श्री टोप्पो ने उपस्थित ग्रामीणों को शिशु संरक्षण माह में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिशु संरक्षण माह में मातृ व शिशु कल्याण सेवाएं प्रदान किया जाएगा। इन सेवाओं में शिशुओं को विटामिन ‘ए‘ की खुराक, नियमित टीकाकरण, एनीमिया प्रकरणों में आवश्यक जांच व परीक्षण उपरान्त आयरन फोलिक एसिड की गोलियों की प्रदाय की जाएगी। इस हेतु जिले में शिशु संरक्षण माह 04 मार्च से 08 अप्रैल 2022 तक चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम समस्त स्वास्थ्य केन्द्र एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को आयोजित की जायेगी। इस हेतु जिले में 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलाने के लिए 2424 टीकासत्र बनाया गया है। जिसमें कुल 71,014 बच्चों को विटामिन ए तथा 92,859 बच्चों को आईएफए सिरप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य, उप स्वास्थ्य केद्रों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में टीकाकरण केन्द्र बनाये जाएंगे। शिशु संरक्षण माह के अंतर्गत 6 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को आयरन फोलिक एसिड का सीरप एवं 09 माह आयु वर्ग से लेकर पांच आयु वर्ष के सभी पात्र बच्चों को विटामिन ‘‘ए‘‘ की खुराक दी जायेगी और टीकाकरण किया जायेगा। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया व अन्य स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की दवाओं, आयरन की गोलियों का वितरण सहित उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया की इस दौरान केंद्रों में बाल कुपोषण नियंत्रण के लिए बच्चों का वजन करना, शिशुवती माताओं को बच्चों की आयु के अनुरूप पोषण आहार देने के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दिया जाएगा। उन्हें अनुपूरक पोषण आहार, ऊपरी आहार के बारे में बताने के साथ ही महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा, साफ-सफाई बरतने के सम्बंध में प्रोत्साहित भी किया जाएगा साथ ही अति गंभीर कुपोषित श्रेणी के बच्चों का चिन्हांकन कर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कर उन्हें पोषण आहार की प्रदान किया जाएगा।