जशपुर :- छत्तीसगढ़ के जिला जशपुर शहर के मध्य में पुरानी टोली और बालाजी मंदिर के बीच में निर्मित सामुदायिक भवन का निर्माण करा,प्रशासन इसका हस्तातंरण कराना ही भूल गया है। नतीजा लगातार हो रहे वैवाहिक,सामाजिक और प्रशासनिक कार्यक्रम से नवनिर्मित भवन जर्जर होने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भवन के संचालन के लिए नगरपालिका के सामान्य सभा में पार्षद हिमांशु वर्मा ने इस ओर सभा का ध्यान आकर्षित करते हुए हस्तातंरण के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखने का अनुरोध किया था। लेकिन दो बार मामला उठाए जाने के बाद भी हस्तातंरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने पहल नहीं किया है। पार्षद वर्मा ने बताया कि शहर के बीच में स्थित सामुदायिक भवन शहर में होने वाले सामाजिक,वैवाहिक और प्रशासनिक कार्यक्रम के लिहाज से नवनिर्मित सामुदायिक भवन बहुत उपयोगी है।
यही कारण है कि निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद से लगातार यहां विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन भवन के लिए बुकिंग कौन कर रहा है और इसके उपयोग के लिए किराया निर्धारित किया गया है या नहीं,इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। उन्होनें बताया कि भवन के देखरेख के अभाव में यह जर्जर होता जा रहा है। जल्द ही इसके देखभाल की व्यवस्था नहीं की गई तो भवन को क्षति पहुंच सकती है।
तीन साल पहले किया गया था निर्माण
दरअसल, शहर के मध्य में स्थित इस सामुदायिक भवन का निर्माण लगभग 3 साल पहले लगभग 1 करोड़ 40 लाख की भारी भरकम राशि खर्च कर किया गया था। इस सामुदायिक भवन में एक बड़े हाल के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं जुटाई गई है ताकि यहां कार्यक्रम के आयोजक और इसमें शामिल होने वालों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
जानकारी के मुताबिक, इस सामुदायिक भवन निर्माण से पहले शहर का सारा कार्यक्रम,सती उद्यान में स्थित वशिष्ठ कम्युनिटी हाल पर ही निर्भर थे। शहर में नीजि वैवाहिक भवन और होटल की कमी होने से कार्यक्रम के आयोजन के लिए शहरवासियों को भटकना पड़ता था। इस सामुदायिक भवन का निर्माण हो जाने से शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है।
राजस्व का हो रहा नुकसान
बता दें कि, लावारिस हालत में संचालित हो रहे सामुदायिक भवन का मामला नगर पालिक के सामान्य सभा में दो बार उठ चुका है। लेकिन अब तक इसके हस्तांतरण के लिए किसी ने पहल नहीं की है। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से नगर पालिका को लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि, वशिष्ठ कम्युनिटी हाल के संचालन के लिए नगर सरकार ने हाल ही में निविदा आमंत्रित किया है। पार्षद हिमांशु वर्मा का कहना है कि पालिका कर्मचारियों को वेतन और शहर के विकास के लिए बजट का रोना रोने वाले पालिका के अधिकारी राजस्व के मामले को लेकर भी गंभीर नजर नहीं आ रहें हैं। यह बहुत ही अफसोस का मामला है। पालिका की इस लापरवाही का खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ता है।
फिलहाल, सामुदायिक भवन के हस्तातंरण कर संचालन करने का मामला दो बार सामान्य सभा में उठाया जा चुका है। लेकिन अब तक इस ओर पालिका और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से पहल नहीं किया है। इससे नवनिर्मित भवन क्षतिग्रस्त हो रहा है साथ ही पालिका को लाखों के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। अधिकारियों को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर