रायगढ़। विधानसभा चुनाव के लिए टिकिट घोषणा के बाद रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस में भितरघात के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ भाजपा से ओपी चौधरी के टिकिट दिए जाने पर कोलता समाज से जुड़ेे भाजपा नेता नाराजगी दिखा रहे हैं। वहीं काग्रेस से प्रकाश नायक को रिपिट किए जाने पर कांग्रेस से जुड़े नेता बगावती तेवर दिखा रहे हैं। ऐसे में रायगढ़ सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए नई चुनौती खड़ी हो रही है। जिससे अपने-अपने बड़े वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है। हालांकि दोनों ही दलों के प्रत्याशी एक ही जाति वर्ग से हैं। ऐसे में दिगर समाज को अपने पाले में लाने की कोशिश फिलहाल तो नजर नहीं आ रही है, लेकिन राजनीति के कब पासा पलट जाए इसे कोई नहीं जानता, लेकिन दोनो ही दलों के प्रत्याशियों को विरोधियों के मुकाबले अपनों से ज्यादा खतरे की आसार बन रहे हैं।
रायगढ़ सामान्य सीट पर वैसे तो कांग्रेस ने ज्यादाबार जीत दर्ज किया है, लेकिन भाजपा ने दो बार रायगढ़ सीट अपने नाम कर इसे अपनी परंपरागत सीट मान बैठी है। यही वजह है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में खरसिया से पराजय का मुंह देख चुके पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को इस बार रायगढ़ से प्रत्याशी बना दिया है। हलांकि ओपी चौधरी को रायगढ़ जिला मुख्यालय की इस सीट के लिए भाजपा फिर जीताऊ प्रत्याशी मान रही है, लेकिन भाजपा से टिकिट पाने के अन्य दावेदारों को बात अब भी हजम नहीं हो रही है। कोलता समाज से जुड़ी भाजपा नेत्री कोपिका गुप्ता अब भी क्षेत्र में जनसंपर्क जारी रखे हुई है। ऐसे भी उनके बागवती तेवर साफ झलक रहे हैं। आज शनिवार को गोपिका गुप्ता ने नामांकन फार्म खरीद लिया है। जिससे उनके चुनाव मैदान में उतरने की प्रबल संभावना है।
ऐसे में लगता है कि भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी की रात रायगढ़ सीट पर भी आसान नहीं है। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक भी उसी समाज से आते हैं जिससे समाज से ओपी चौधरी है। जिससे जातीय समीकरण में भी ओपी चौधरी के लिए एक तरफ कुंआ तो दूसरी तरफ खाई की स्थिति है। हलांकि प्रकाश नायक को दूसरी बार टिकट मिलने से कांग्रेस से जुड़े नेता भी नाराज है, लेकिन पर्दे के सामने सब ठीक-ठाक लग रहा है। कांग्रेस से समाज के दो लोग टिकट के लिए एडी-चोटी का जोर लगाने में जुटे रहे। प्रकाश नायक को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद एक नेता तो दूसरे किसी दल से टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं, जिससे लगता है कि कांग्रेस के उस नेता को समाज का इंटरनल सपोर्ट तो मिल रहा होगा।
मारवाड़ी समाज की ओर से टिकट के लिए दोनों ही दलों से जुड़े नेता बेहद सक्रिय रहे हैं। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल के लिए बड़ी चुनौती होगी कि आने वाले दिनों में उभरने वाले बगावती तेवर और भीतरघात की आशंका किस तरह साधा जाए। चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक दोनों को ही अपने ही लेागों के विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दूसरी तरफ दोनों ही दल अपने-अपने संगठन के कार्यकर्ताओं की ताकत का दम भरते हैं। परंतु मौजूदा स्थिति में स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की निष्ठा अपने-अपने प्रत्याशियों पर कितनी रहेगी, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा।
पिछला आंकड़ा पार करना चुनौती
कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक की टिकट को लेकर जिस तरह पार्टी में ही असमंजस की स्थिति नजर आ रही थी। अब टिकट मिलने के बाद नेताओं को एक मंच पर आने की दावे किए जा रहे हैं, शोसल मीडिया पर इस तरह नेताओं के साथ प्रकाश नायक की तस्वीरें भी वायरल की जा रही है। इसे लगता है कि सब ठीक है। इसे जताने की मुहिम शुरू हो गई है, लेकिन बीते वर्षों में अलग-अलग खेमों में बंटे स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक दिन में ही साथ लिए जाने की बात समझ से परे हैं। वैसे बिते चुनाव में प्रकाश नायक 67 हजार व्होट हासिल कर भी जीत गए थे। परंतु कांग्रेस का व्होट बैंक लगातार इस सीट से कम होने के आंकड़े सामने आ रहे हैं। इस स्थिति में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए एक बड़ी चुनौती समने है। इससे कैसे निपटना है, इसके लिए रणनीति क्या होगी यह देखना है।
गोपिका गुप्ता ने लिया नामांकन फार्म
भाजपा नेत्री व जिला प्रचायत सदस्य गोपिका गुप्ता ने आज शनिवार को रायगढ़ विधानसभा सीट से नामांकन फार्म खरीद लिया है। भाजपा नेत्री की इस कदम का आने वाले दिनों भाजपा पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी। जिस तरह से टिकट के लिए गोपिका गुप्ता ने दावेदारी की और ओपी चौधरी को प्रत्यशी घोषित किए जाने पर विद्रोह का संकेत दिया है। इससे लगता है कि भाजपा को इस बगावत को गंभीरता से लेना पड़ेगा। रायगढ़ क्षेत्र में करीब 50 हजार व्होट बैंक को साधने के लिए भाजपा डैमेज कंट्रोल के लिए क्या रूख अपनाती है, इस पर कांग्रेस की भी नजर है। यदि गोपिका गुप्ता निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरती है तो मुकाबला त्रिाकोणीय होने की आसार है। कांगे्रस ऐन-केन तरीके से कोलता समाज के नारागी को अपने पक्ष में करने हर कोशिश कर सकती है। आने वाले दिनों में इस समीकरण की नई तस्वीर उभरने की संभावना है।
शंकरलाल अग्रवाल हो सकते हैं आप के
जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष शंकरलाल अग्रवाल के बगावती तेवर की शुगबुगाहट राजनीतिक हल्कों में सुर्खियों में है। चर्चा है कि पिछले डेढ़-दो वर्षों से शंकर लाल अग्रवाल रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में आकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया था, लेकिन प्रकाश नायक की कांग्रेस से टिकट रिपिट होने पर बेहद हताश हो गए। अग्रवाल समाज से कांग्रेस की टिकट के वे प्रबल दावेदार के रूप में सामने रहे। अब कांग्रेस की टिकट घोषित होने पर अपनी राजनीतिक पारी किसी अन्य दल से शुरू करने की चर्चा जोरों पर है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक शंकर लाल अग्रवाल आम आदमी पार्टी से टिकट लेने दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। जाहिर है आप पार्टी ऐसे उम्मीदवार पर अपना दांव लगाने में हिचक नहंीं करेगी। यदि ऐसा होता है तो डेढ़-दो वर्षों में रायगढ़ क्षेत्र में अपनी बनाई राजनीतिक जमीन पर उतर कर शंकरलाल अग्रवाल राजनीतिक ताकत दिखा सकते हैं।
ओपी को मिलेगा सबका साथ?
भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी टिकट मिलने के बाद रायगढ़ में बेहद सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। सुबह से लेकर देर शाम तक जन संपर्क में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके साथ नजर आ रहे हैं। ओपी चौधरी विकास के नए विजन के साथ रायगढ़ सीट से चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं, लेकिन पार्टी में स्थानीय स्तर पर उनका नेताओं और कार्यकर्ताओं को लेकर क्या विजन क्लीयर है? या खरसिया की तरह ही उन्हें भितरघात का सामना करना पड़ेगा, फिलहाल इसे लेकर कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। बहरहाल अभी शुरूआती दौर में सबका साथ दिख रहा है। यह बूथ लेबल पर कब तक जारी रहेगा? इसे लेकर सवालिया निशान उठ रहे हैं।