रायगढ़। रविवार को जिले के चारों विधानसभा सीट के 42 प्रत्याशियों की किस्मत का ताला खुलेगा। कल 3 दिसंबर को जिले के सभी सीटों के लिए रायगढ़ जिला मुख्यालय स्थित किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी केआईटी गढ़उमरिया में मतगणना होगी। बीते 17 नवंबर को जिले के 747252 मतदाताओं ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। रायगढ़ जिला मुख्यालय के रायगढ़ सीट के 19 प्रत्याशियों के किस्मत विधानसभा क्षेत्र के 202742 मतदाताओं ने फैसला लिया था। वहीं मतदान के जरिए खरसिया सीट के आठ प्रत्याशियों की किस्मत खरसिया क्षेत्र के 186764 मतदाताओं ने ईवीएम में कैद कर दिया था। उधर धरमजयगढ़ सीट के साथ प्रत्याशियों के लिए इस विधानसभा क्षेत्र के 182948 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाया था। साथ ही लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के 8 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इस क्षेत्र के 174798 मतदाताओं ने लिया। कल 3 दिसंबर को जिले के 42 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम से निकलेगा। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतगणना की प्रक्रिया पूरी की जाऐगी। रायगढ़ जिले के चारों सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुए थे। जिले में कुल 83.97 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। अब मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई। कल 3 दिसंबर को सुबह 8:00 बजे से मतगणना प्रारंभ होगी। इस विधानसभा चुनाव को कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीति के जानकारों की माने तो इसे 2024 को देश में होने वाले आम चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। इस दृष्टि से कांग्रेस और भाजपा के लिए रायगढ़ जिले की चारों सीट बेहद अहम मानी जा सकती है। इस विधानसभा चुनाव में रायगढ़ जिले की चारों सीट पर कब्जा जमाने के लिए जहां भाजपा पूरी रणनीति के साथ चुनाव में उतरी। वहीं कांग्रेस रायगढ़ जिले के चारों सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी रही। अब मतगणना के साथ ही भाजपा और कांग्रेस की वास्तविक स्थिति पर से पर्दा उठ जयेगा। जिले की चारों सीट में से किसके हिस्से में कितनी और कौन-कौन से सीट पर कौन बाजी मारता है सब कुछ जनता के सामने आ जाएगा।
रायगढ़ जिला मुख्यालय के रायगढ़ सीट पर भाजपा प्रत्याशी पूर्व आईएएस ओपी चौधरी और कांग्रेस के प्रकाश नायक की किस्मत दावं पर लगी है। बताया जाता है कि इस सीट पर भाजपा पूरी तरह से फोकस कर जिला मुख्यालय के सीट अपने कब्जे में करने की रणनीति पर जूटी नजर आई। वहीं कांग्रेस अपने कब्जे की इस सीट को किसी भी हाल में नहीं खोने के रणनीति पर काम कर रही थी। इस चुनाव में इस सीट से 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा। इस सीट पर 202742 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें पुरुष 101778 और महिला 100956 के अलावा आठ थर्ड जेंडर मतदाताओं ने 19 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया। इसी तरह खरसिया सीट को लेकर इस चुनाव में काफी चर्चा रही। इस सीट पर कांग्रेस के उमेश पटेल का मुकाबला भाजपा के महेश साहू के साथ रहा। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई। इस सीट पर 8 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला क्षेत्र के 186764 मतदाताओं ने मतदान कर किया था। जिसमें 93270 पुरुष और 93491 महिला मतदाताओं के अलावा तीन थर्ड जेंडर मतदाताओं ने प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद की थी। उधर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित धरमजयगढ़ सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला रहा। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया की किस्मत दाव पर लगी है। लालजीत सिंह राठिया दो बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने राठिया समाज के जमीनी नेता हरिश्चंद्र राठिया को प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को नेक टू नेक कर दिया। इस सीट से कुल 7 प्रत्याशी इस बार चुनाव मैदान में हैं। क्षेत्र के 182948 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर प्रत्याशियों की किस्मत लिख दी है। इस सीट पर 89458 पुरुष 93489 महिला मतदाताओं के अलावा एक थर्ड जेंडर मतदाता ने मतदान किया था। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लैलूंगा सीट में चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प रही। इस सीट पर भाजपा ने जहां सुनीति सत्यानंद राठिया को प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस ने इस बार नया चेहरा पर दाव खेला और महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष विद्यावती सिदार को चुनाव मैदान में उतार दिया। इस सीट पर मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा। लैलूंगा क्षेत्र के 174798 मतदाताओं ने इस सीट के आठ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया था।
यहां से 86337 पुरुष और 88461 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस तरह बीते 17 नवंबर को मतदान के दौरान जिले की चारों सीटों के 42 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला जनता जनार्दन ने कर दिया था। जिसका खुलासा मतगणना के साथ हो जाएगा। कल 3 दिसंबर को चारों विधानसभा सीट का नेतृत्व किसकी झोली में आएगा किस पर जनता ने विश्वास जताया और किसकी उम्मीद पर पानी फिरता है सब कुछ ईवीएम बयां कर देगा।
किसका चला जादू, किस पर रहा विश्वास
रायगढ़ जिले में इस बार मतदान का प्रतिशत कमोबेश 2018 चुनाव की तरह ही रहा। लेकिन इस बार युवाओं और महिलाओं ने जिस तरह से इस चुनाव में अपना रुझान दिखाया उससे इस बार रायगढ़ जिले की तस्वीर बदलने की बात सामने आ रही है। बताया जाता है कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों के माध्यम से आम जनता के दिलों को जीतने का भरपूर प्रयास किया। भाजपा ने जहां किसानों को बकाया बोनस और धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने का वादा किया। वहीं कांग्रेस ने 3200 समर्थन मूल्य देने का दाव खेल कर किसानों को लुभाने की कोशिश की। इसके अलावा रसोई गैस सिलेंडर 500 में देने का दावा भी दोनों पार्टियों ने घोषणा पत्र में कर दिया। साथ ही महिलाओं के हित में भाजपा ने 1200 मासिक और कांग्रेस ने 1500 महीना देने की घोषणा कर महिला वोटरों को साधने की पहल की थी। इस चुनाव में महिला कल्याण योजना पर जिस तरह का दाव खेला गया उससे महिला मतदाताओं ने बढ़-चढक़र मतदान में हिस्सा लिया। रायगढ़ जिले में भाजपा और कांग्रेस जिस तरह जीत के दावे कर रहे उससे यह तो स्पष्ट हो रहा है कि दोनों को अपनी-अपनी घोषणा पत्र का मतदाताओं पर असर पडऩे का पूरा भरोसा है। लेकिन जनता ने किस पर विश्वास व्यक्त कर ईवीएम का बटन दबाया उसका फैसला तो मतगणना के बाद आ ही जाएगा। जिले के चारों सीट के नतीजों को लेकर राजनीतिक दलों के साथ आम जनता में उत्सुकता इस बात के प्रमाण है कि सबको ईवीएम के खुलने का इंतजार है। खास बात यह है कि यह चुनाव कई लोगों के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा, जिससे राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों और समर्थकों की धडक़नें भी तेज हो गई हैं।