जिले का ताज तहसील मुख्यालय सन्ना विगत कई दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है, कारण आप सबको पता चल ही गया होगा !
जशपुर जिले से संचालित कुछेक वेब पोर्टल समाचार माध्यमों में बहुत ही प्रमुखता के साथ इस मामले से जुड़ी खबरों को दिखाया गया है !
पर दुःख की बात तो ये है कि अभी तक पाठकों के बीच सिर्फ़ एक ही पक्ष की बातों को दिखाया और सुनाया जा रहा है चलिए अब हम कोशिश करते हैं मामले में दुसरे पक्ष की पीड़ा को इमानदारी से आप लोगों तक पहुंचाने की…
सबसे पहले पाठकों को समझना होगा की ये युवा कौन हैं और क्या करते हैं तो मैं आपलोगों को बता दुं की इस मामले में लपेटे जाने वाले सभी युवा पाठक्षेत्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा की ताकत कहे जाते हैं, पढ़े लिखे शिक्षित हैं, पढ़ाई करने वाले हैं, बेरोजगार हैं, अपने सुदृढ़ भविष्य की तलाश में भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर विगत विधानसभा चुनाव में कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में उन सबने अपनी अलग पहचान बनाई है, बस यही पहचान आज इन युवाओं के जी का जंजाल बन गई है !
बहरहाल वनकर्मी दम्पति के पक्ष को आप सबने सुना है, पढ़ा है अब युवाओं की भी व्यथा को जानिए- युवाओं के कथन अनुसार सायंकालीन लगभग 6:30 बजे होंगे ठंड ज्यादा होने के कारण युवा जशपुर रोड स्थित एक गैरेज के सामने जो वन विभाग कार्यालय परिसर के पिछले द्वार के बगल में हैं
अलाव जलाकर ताप रहे थे तभी वनकर्मी अपने एक मित्र के साथ सन्ना बस स्टैंड की तरफ से नशे में टुन्न होकर आते हैं और युवाओं को लकड़ी चोरी करके जलाने की बात कहते हुए अनगर्ल गालियां बकने लगते हैं, युवाओं के द्वारा उनको बताया जाता है की लकड़ियां उन्होंने पहाड़ी कोरवाओं से खरीदी है ये सुनकर वनकर्मी तथा उनके मित्र भड़क जाते हैं पैसे की बात करते हो कहते हुए एक युवक पर थप्पड़ मारने उद्देश्य से आगे बढ़ते हैं किन्तु नशे की अधिकता के कारण लड़खड़ाते हुए गिर जाते हैं, मुख्यद्वार पर अपने पति के गर्जन को सुनकर वनकर्मी महोदय की धर्मपत्नी भी आ जातीं हैं और युवाओं को धमकियां देने लगती हैं, उपस्थित युवाओं को आदिवासी धाराओं और छेड़छाड़ के आरोप लगागर जेल में सड़वाने की !
वनकर्मी, उनके मित्र एवं धर्मपत्नी के द्वारा युवाओं को गालियां धमकियां तथा बेरोजगारी पर कटाक्ष करने के चलते युवा अति अपमानित महसूस कर रहे हैं ! इन सभी बातों का जिक्र युवाओं ने थाने में दिए गए अपने लिखित आवेदन जिसमें उन्होंने अपने लिए न्याय की मांग की है में किया है !
विश्वसनीय सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला राजीनामा तक पहुंचने ही वाला था पर मामले में अचानक से ही पाठक्षेत्र के छुटभैय्ये नेताओं ने चोरी छुपे “इन्ट्री” मारी !
विधानसभा चुनाव के दौरान पाठक्षेत्र में इन्हीं युवाओं के चलते मिली करारी हार के चोट का बदला लेने का और पाठक्षेत्र में भाजयुमो को कमजोर करने का उन्हें बेहतरीन मौका मिल गया, ज्ञातव्य हो आगामी कुछ महीनों बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं ! अगर इन युवाओं को तोड़ दिया जाए तो पाठक्षेत्र में भाजपा की युवा शक्ति कमजोर पड़ जाएगी जिसका सीधा सीधा फायदा विरोधियों को मिलेगा !
मैंने शुरुआत में ही “साजिश” शब्द का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि वनकर्मी पक्ष के साथ “पार्टी विशेष” के लोग कई जगहों पर देखे जा रहे हैं , खास बात तो यह है कि कल शाम तक दोनों पक्षों में मिठास आने की उम्मीद जगी थी और आज सुबह सवेरे पार्टी विशेष का एक व्यक्ति वनकर्मी के क्वार्टर में जाता देखा गया और दोपहर में कंवर समाज के कुछ महिला और पुरुषों के द्वारा थाने में जाकर हो हल्ला के साथ युवाओं पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी !
मामले में षडयंत्र की बू आने का एक और कारण भी है, घटना दिनांक से ही पाठक्षेत्र की एक कांग्रेसी महिला नेत्री वनकर्मी दम्पति के साथ साये की तरह देखीं जा रहीं हैं थाना और निवासस्थान की तो बात ही छोड़िए मोहतरमा वनकर्मी के सामाजिक बैठकों में भी दिखाई दे रहीं हैं !
पुरे मामले में एक और बात भी गौरतलब है कि जब घटना दिनांक को वनकर्मी दम्पति के द्वारा थाने में आवेदन दिया था उस आवेदन में वनकर्मी पक्ष के द्वारा लगभग 10 युवाओं पर आरोप लगाए गए थे फिर षडयंत्र के तहत भाजयुमो के कुछ और तेजतर्रार कार्यकर्ताओं का नाम भी शामिल किया गया, प्रथम दृष्टया वाद विवाद का ये मामला अब राजनैतिक प्रतिद्वंदता का शिकार हो चुका जिसमें पिस रहे हैं सन्ना के बेगुनाह नवयुवक और परेशान हैं उनके परिजन !
बहरहाल अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या युवाओं को न्याय मिलेगा ?
क्या युवाओं के आवेदन निवेदन पर जशपुर पुलिस कार्रवाई करेगी ?
क्या भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को सही न्याय दिला पाएगी ?
इस तरह के और भी कई सवाल हैं जिनके जवाब शायद भविष्य के गर्त में छुपे हुए हैं !
टिप:-ये पूरा मामला युवाओं का कहना है, कृपया अपने तर्कशक्ति से पढ़ें