जशपुर/सन्ना:- धर्मांतरण को लेकर इन दिनों पूरे प्रदेश में गहमा गहमी का माहौल देखा जा रहा है प्रदेश के मुखिया स्वयं मिशनरीज़ के द्वारा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के जरिये धर्मांतरण कराने की बातें कहते दिख रहें हैं और धर्मांतरण कराने वालों को चेतावनी देते हुए भी भाजपा के नेता दिख रहे हैं।इसमें सबसे खास बात तो यह दिखाई पड़ रहा है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही धर्मांतरण का मामला वर्तमान में सामने आ रहा है।जहां बीते दिन मुख्यमंत्री निवास ग्राम के पड़ोसी गाँव मे ही चंगाई के आड़ में धर्मांतरण का एक मामला सामने आया है जिस पर नेताओं का बयान बाजी अभी शांत भी नही हुआ था कि फिर से एक बार शासकीय स्कूल में पूर्व घटित धर्मांतरण मामले पर उप-प्राचार्य पर जांच होने और दोष सिद्ध होने पर ठोस कार्यवाही नही होने पर मामला मुख्यमंत्री निवास तक पहुंच गया है।
हम बात कर रहे हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री साय के गृह जिले जशपुर के सुदूर अंचल सन्ना में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय कन्या परिसर विद्यालय में पदस्थ उप-प्राचार्य अंजना तिर्की की जिस पर 2012 में उसी सन्ना के एकलव्य कन्या परिसर की छात्राओं का धर्मांतरण कराने का गम्भीर आरोप लगा था।
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आवासीय विद्यालय की छात्राओं को चर्च भेजने और चर्च के फादर को छात्रावास में रोजरी बांटने के काम में इनका नाम आया था। जहां उस समय भी भाजपा की ही सरकार थी और भाजपा के ही विधायक जागेश्वर राम भगत व अनेक धार्मिक संगठनों ने कथित धर्मांतरण कराने वाली उप प्राचार्य को हटवाने खुद ग्रामीणों के साथ रैली और धरने पर बैठना पड़ा था तब जा कर विभाग को आनन फानन में उक्त महिला उप-प्राचार्य को शासकीय हाई स्कूल सरईपानी का प्राचार्य बनाते हुवे अटेच कर हटाना पड़ा था तब से यह मामला दब गया था। परन्तु यह मामला तब फिर से निकल गया जब पुनः अंजना तिर्की को इसी एकलव्य विद्यालय में पदस्त कर दिया गया।उक्त उप प्राचार्य के वापस इसी विद्यालय में आने के बाद पुनः वही अड़ियल रवैया और छात्राओं से धार्मिक भेदभाव करने के साथ-साथ वहां पदस्थ हिन्दू शिक्षकों से भी धार्मिक-भेदभावपूर्ण व्यवहार करना जारी है ऐसे ही तानाशाही रवैये से तंग आ कर वहां की रसायन विषय की व्याख्याता शिक्षिका ने अपने उच्चाधिकारियों को इसकी शिकायत की परन्तु कार्यवाही नही होने और प्रताड़ित होने के कारण शिक्षिका को त्यागपत्र लिख कर जाना पड़ गया।
शिक्षिका को मातृत्व-अवकाश के अधिकार के लिए भी मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ा। बहरहाल मामला फिर से तूल पकड़ लिया और इस बार तो उसी विद्यालय के 9 शिक्षकों ने ही उक्त प्राचार्य के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।उप प्राचार्य के धार्मिक-भेदभाव और तानाशाही रवैया के शिकार हुए पीड़ित शिक्षक कर्मचारियों ने बताया की उनके द्वारा इस बारे में कई बार उच्चाधिकारियों को शिकायत किया गया जिस पर तहसीलदार और एसडीएम के द्वारा जांच भी किया गया और जांच में सारी बाते सामने भी आई लगाए गए सारे आरोप सिद्ध भी हुए जिस पर प्राचार्य का स्थानान्तरण भी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिलडेगा विकास-खण्ड पत्थलगांव बीते दो माह पूर्व 7 दिसम्बर को ही कर दिया गया परन्तु तब से लेकर अब तक उक्त प्राचार्य सन्ना एकलव्य विद्यालय के ही प्रभार में बनी हुई है जिसकी भी शिकायत विभाग के अलावा तहसीलदार,जिला पंचायत सीईओ,कलेक्टर जशपुर से किया गया है परन्तु फिर भी शिक्षिका के नही हटने पर अब यहां के पीड़ित हिन्दू शिक्षक मुख्यमंत्री निवास पहुंच गये और वहां उक्त धर्मान्तरण मास्टरमाइंड उप प्राचार्य पर कार्यवाही की मांग करते हुए आवेदन दिया जिसमें शिक्षकों ने उक्त प्राचार्य को हटाने और कार्यवाही का मांग किया है। मुख्यमंत्री के नाम दिए गए आवेदन में शिक्षकों ने यहां तक लिख दिया है कि अगर अब कार्यवाही नही होगी तो सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जांयेंगे।उक्त शिकायत पत्र एकलव्य विद्यालय के पीड़ित कर्मचारी सुभाष चौरसिया,अनित चटर्जी,दरबार सिंह सिदार,अरपा फातमा,लिली इंदिरा टोप्पो,बसंत कुमार गुप्ता,सत्येंद्र कुमार गुप्ता,संज्ञा पाठक,पृथुयाषश पाठक ने दिया है।
अंदर सूत्रों की माने तो कथित आरोपी पर कार्यवाही नहीं होने पीछे विभागीय मंत्रालयीन स्तर के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होना बताया जाता है।
बहरहाल इन दिनों प्रदेश के कई दिग्गज नेता खुद धर्मान्तरण के खिलाफ सामने आते दिख रहे हैं और काफी बयानबाजी चल रही है।उस लिहाज से छात्राओं का धर्मान्तरण का प्रयास और हिन्दू शिक्षकों के साथ धार्मिक- भेदभाव करने वाली उप-प्राचार्य पर क्या कार्यवाही होती है यह देखने और समझने वाली बात होगी।