जशपुर बगीचा:- जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड यूं तो हमेशा से ही चर्चा में रहा है। किंतु इस बार की राजनीति कुछ और ही कह रही है।
आपको बता दें जशपुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालय बगीचा अंतर्गत ग्राम पंचायत पण्ड्रापाठ में दो दिन पूर्व पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जाति के पारंपरिक खेलकूद तथा संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया! कार्यक्रम में युं तो कई गणमान्य राजनेताओं तथा जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया किन्तु जिस स्थान पर या जिस ग्राम पंचायत क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित है ,ना तो वहां के ग्राम पंचायत सरपंच को निमंत्रण दिया गया है ना ही ग्राम पंचायत सचिव को जबकि ग्राम पंचायत के सभी जिम्मेदारियों के निर्वहन का जिम्मा इन्हीं दो पदाधिकारियों के उपर होता है!
जिस प्रकार से कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का नाम लिखा या लिखवाया गया है ये बात पुरी तरह से राजनीतिक धुर्वीकरण से प्रेरित लग रही है क्योंकि आमंत्रण पत्र में क्षेत्र के जनपद सदस्य का भी नाम ना रहना या जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि को आमंत्रित न करना सिर्फ और सिर्फ राजनेताओं के राजनैतिक कटुता को दर्शा रहा है! और हद तो तब हो गई जब राजनीतिक गलियारों में इस बात की सुगबुगाहट शुरू होते ही संबंधित विभाग के द्वारा आनन फानन में दुबारा आमंत्रण पत्र छपवाया गया!
अब यहां सवाल यह उठ रहा है कि दुबारा आमंत्रण पत्र छपने के बाद भी पाठक्षेत्र के कद्दावर भाजपा नेता साथ ही पण्ड्रापाठ मंडल अध्यक्ष हरिशंकर यादव के नाम को जगह क्यों नहीं दिया गया है ? अब जिस तरह अच्छे खासे प्रशासनिक कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र छपाई में छिछालेदर की गई है उससे पाठक सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले के शासकीय कार्यक्रमों में किस तरह राजनैतिक प्रतिद्वंदता को भुनाया जा रहा है ।